खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के प्रस्ताव का विरोध करनेवालों में यूपीए की सहयोगी समाजवादी पार्टी भी शामिल हो गई है.
इससे पहले वामपंथी पार्टियाँ और जनता दल (सेकुलर) जैसी पार्टियाँ सरकार से माँग करती रही हैं कि वो बिना व्यापक सहमति के इस विवादास्पद प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़े.
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समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव, सीपीएम महासचिव प्रकाश कारत, सीपीआई महासचिव एस सुधाकर रेड्डी, फ़ॉरवर्ड ब्लॉक नेता देबब्रत बिस्वास, जेडी(एस) नेता दानिश अली और रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी के नेता अबनी रॉय ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास एक संयुक्त पत्र लिखकर इस प्रस्ताव का विरोध जताया है.
इस पत्र में ये कहते हुए कि खुदरा क्षेत्र देश में कृषि के बाद रोज़गार देनेवाला सबसे बड़ा क्षेत्र है, इन पार्टियों ने लिखा है कि कुछ समय से ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि सरकार मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति देने जा रही है जिसे कि पहले कई पार्टियों के विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था.
पत्र में लिखा है,"हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वो खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश को और ना बढ़ने दें. विभिन्न दल इसका विरोध कर रहे हैं. कई राज्य सरकारें भी अपना विरोध जता चुकी हैं. हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप बिना व्यापक सहमति के ये फ़ैसला नहीं करें."
उन्होंने लिखा है, "अधिकतर खुदरा व्यवसायी असंगठित और स्वनियोजित व्यापारी हैं. बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सुपरमार्केटों के आने से इन छोटे और असंगठित दुकानदारों और व्यवसायियों पर गंभीर असर पड़ेगा.वॉलमार्ट जैसे सुपरमार्केट के आने से तबाही मच जाएगी."
केंद्र में सत्ताधारी यूपीए सरकार ने इससे पहले सिंगल ब्रांड वाले खुदरा क्षेत्रों में विदेशी निवेश की अनुमति दे दी थी मगर विभिन्न दलों के विरोध के बाद मल्टी ब्रांड खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश करने देने का फ़ैसला टाल दिया था. इन दलों में यूपीए की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस भी शामिल थी.