खबरदार! बच्चों के लिए सबसे खतरनाक बन चुका है यह शहर

नई दिल्ली। दिल्ली
में बच्चों के साथ होने वाली आपराधिक वारदातों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई
है। यह खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड शाखा (एनसीआरबी) ने अपनी वार्षिक
रिपोर्ट में किया है। दिल्ली में दर्ज करीब 25.4 फीसदी मामले बच्चों के साथ
हुए अपराधों से संबंधित है।


 

वहीं,
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 20.3 फीसदी, चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ में सात,
मध्य प्रदेश में छह और गोवा में करीब 5.1 फीसदी मामले बच्चों से संबंधित
दर्ज हुए हैं। एनसीआरबी के अनुसार 2011 में बच्चों के साथ हुए 33,098
आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2010 में यह संख्या महज 26,694 थी।


 

2011
में नवजात बच्चों की हत्या के कुल 1514 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से
सर्वाधिक 326 नवजात के हत्या की वारदात उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं।
अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, दमन दीप, लक्षदीप और पांडुचेरी में बच्चों की
हत्या का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया।


 

इसके
अलावा, नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश आगे रहा। 2011
में दुष्कर्म के 7112 मामले दर्ज किए गए। जिसमें से मध्य प्रदेश में 1262,
उत्तर प्रदेश में 1088 और महाराष्ट्र में 818 मामले बच्चों के साथ
दुष्कर्म से संबंधित थे।


 

देश
में बच्चों के अपहरण से संबंधित कुल 1,52,82 मामले दर्ज किए गए। जिनमें से
उत्तर प्रदेश में 3739 और दिल्ली में 3528 मामले थे। वहीं, लड़कियों की
सौदेबाजी के करीब 113 मामले दर्ज किए गए। जिसमें से लड़कियों को खरीदने के
करीब 27 मामले दर्ज हुए।

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