जयपुर/जोधपुर/कोटा/अजमेर/बीकानेर/उदयपुर/भरतपुर/अलवर. मुख्यमंत्री
बीपीएल आवास योजना तथा इंदिरा आवास योजना के तहत आवास बनाने में सरकार के
291 करोड़ रु. फंस गए हैं। ऐसा इन योजनाओं की समुचित मॉनिटरिंग नहीं होने
के कारण हुआ है। दरअसल, इन योजनाओं में चयनित 4,31,338 परिवारों ने मकान
बनाने के लिए सरकार की ओर से पहली किस्त तो ले ली, लेकिन इनमें से 1,22,5४६
ने निर्माण नहीं कराया। किसी ने इस राशि को शादी में खर्च कर दिया तो किसी
ने कर्ज चुकाने और घर का राशन जुटाने में। सरकार द्वारा जिला परिषदों
में कराए भौतिक सत्यापन में खुलासा हुआ कि 7 हजार चयनितों ने तो मकान बनाने
के लिए नींव तक नहीं खुदवाई है। यानी उन्होंने 17.50 करोड़ रु.
खुर्द-बुर्द कर दिए। जोधपुर में ऐसे लोगों की संख्या 290, बीकानेर में 108,
उदयपुर में 308, कोटा में 332, पाली में 300 और अलवर में 208 हैं। अब
सरकार इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है। पहली किस्त के रूप
में सामान्य वर्ग के बीपीएल परिवार को 22,500 रु. तथा एससी व एसटीपी को
25,000 हजार रु. दिए गए थे। इस राशि से प्लिंथ लेवल तक काम कराने पर दूसरी
किस्त दी जानी थी। पहले किस्त लेकर निर्माण नहीं करने वाले चयनितों की
दूसरी किस्त भी अटक गई है। किस योजना में कितनी धोखाधड़ी सीएम
बीपीएल आवास योजना वित्तीय मंजूरी 2,75,654 को पहली किस्त 2,75,634 को
दूसरी किस्त 1,95,773 को मकान नहीं बनाए 79,8६१ लोगों ने यानी राशि फंसी
189.6६ करोड़ रु. इंदिरा आवास योजना (रेग्युलर) वित्तीय मंजूरी
60,813 को पहली किस्त 60,564 को दूसरी किस्त 41,545 को मकान नहीं बनाए
19,019 लोगों ने यानी राशि फंसी 45.17 करोड़ रु. इंदिरा आवास योजना (प्रोत्साहन)
वित्तीय मंजूरी 95,140 को पहली किस्त 95,140 को दूसरी किस्त 71,474 को
मकान नहीं बनाए 23,666 लोगों ने यानी राशि फंसी 56.20 करोड़ रु. तीन किस्तें मिलती हैं
पहली किस्त में 50% राशि देते हैं। इसके तहत सामान्य व एसटी को 45,000 और
एससी को 50,000 रु. मिलते हैं। टीएसपी क्षेत्र के सभी वर्ग के बीपीएल को
50,000 रु. दिए जाते हैं। दूसरी किस्त में ४क् व तीसरी में १क्% राशि दी
जाती है। निर्माण न करने वालों पर केस दर्ज होगा पहली किस्त लेने के बाद मकान नहीं बनाने वालों पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इस संबंध में बीडीओ को निर्देश दे दिए गए हैं। -महेंद्रजीत सिंह मालवीय, ग्रामीण विकास मंत्री मकान बनाने के लिए प्रेरित करेंगे जिन्होंने पहली किस्त लेकर निर्माण शुरू नहीं किया है, उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे। उन लोगों के मकान बनने चाहिए। -अभय कुमार, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग