बयान को तोड मरोड कर पेश करने से चिदंबरम क्षुब्ध

नयी दिल्ली, 11 जुलाई (एजेंसी) केन्रदीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अपने
बयान को मीडिया में कथित रूप से जानबूझ कर तोड मरोड कर पेश करने पर आज
क्षोभ और नाराजगी व्यक्त की।

चिदंबरम के हवाले से मीडिया में खबरें आयी थीं कि जनता आइसक्रीम के लिए
20 रूपये देने को राजी है लेकिन गेहूं चावल की कीमत में एक रूपये की बढोतरी
का विरोध करती है ।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बेंगलूरू में
कल एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गृह मंत्री ने आम आदमी पर बोझ से जुडे एक
सवाल का जवाब देते वक्त आबादी के अलग अलग वगो’ और उन्हें फायदा पहुंचाने
वाली स्कीमों का जिक्र किया था ।
बयान के अनुसार चिदंबरम ने उच्च
न्यूनतम समर्थन मूल्य : किसानों को लाभ पहुंचाने वाला :, मनरेगा : ग्रामीण
क्षेत्र के गरीबों के फायदे वाला :, मिड डे मील स्कीम : लाखों बच्चों के
लिए लाभप्रद : और प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना : हजारों गांवों के फायदे
वाली : का जिक्र किया था ।
गृह मंत्री ने कच्चे तेल की कीमतों का जिक्र
किया था और कैसे सरकार पेट्रोल की कीमतों में पहली बढोतरी के लिए मजबूर
हुई थीखाद्य मु्रदास्फीति उच्च्ंची है । लेकिन उच्च्ंचा खरीद मूल्य कुछ अधिक
खाद्य कीमतों में प्रतिविम्बित होगा । लेकिन उच्च्ंचे खरीद मूल्य से लाखों
किसानों को फायदा होता है । ’’
बयान के मुताबिक चिदंबरम ने कहा था, ‘‘
यदि आप गन्ने की कीमत बढाएंगे तो चीनी पहले के मुकाबले सस्ती नहीं हो सकती।
यदि आप खरीद के गेहूं या चावल की कीमत बढाएंगे तो ग्राहकों के लिए चावल और
गेहूं सस्ता नहीं हो सकता । कभी कभी और मैंने एक बार इस बारे में लिखा भी
है, हम पानी की बोतल के लिए 15 रूपये देने को तैयार हैं लेकिन एक किलो चावल
या गेहूं की कीमत में एक रूपये की बढोतरी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं । ’’
बयान
में गृह मंत्री के हवाले से कहा गया, ‘‘ हम आइसक्रीम के कोन के लिए 20
रूपये देने को तैयार हो जाते हैं लेकिन एक किलो गेहूं या चावल पर एक रूपया
दाम बढने पर कीमत नहीं देंगे । ’’
बयान में कहा गया कि चिदंबरम बेंगलूरू
में दस जुलाई 2012 को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान संबद्ध सवाल और उसके जवाब
को मीडिया द्वारा तोड मरोड कर पेश करने से न सिर्फ क्षुब्ध हैं बल्कि
उन्हें इसकी नाराजगी भी है ।
गृह मंत्री ने अपने जवाब में किसी का मजाक
नहीं बनाया था । उन्होंने ‘‘ हम ’’ शब्द का इस्तेमाल किया था । उन्होंने
ऐसे शब्द नहीं इस्तेमाल किये थे कि ‘‘ वे : जनता : महंगाई को लेकर इतना शोर
क्यों मचाते हैं । ’’ और किस तरह मध्यम वर्ग के फायदे के लिए उसने दो बार इसमें कमी की ।
चिदंबरम
के जवाब के मूल पाठ के हवाले से बयान में कहा गया कि गृह मंत्री ने
बेंगलूरू में कहा था, ‘‘ आपने उच्च्ंची खाद्य कीमतों का जिक्र किया है ।
सही है,

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