आरा:बिहार
में फसल बीमा कर्मचारियों को हटाए जाने का नोटिस दिए बगैर उनकी जगह नए
लोगों की नियुक्ति की जा रही है। इसको लेकर बीमा कर्मचारी खफा हैं। उनके
सामने ये सवाल है कि एक साल नौकरी करने के बाद अब वो कहां जाएं और क्या
करें? बिहार की नीतीश सरकार ने इनका रास्ता रोक दिया है।
भोजपुर
जिले के सांख्यिकी विभाग में कार्यरत फसल बीमा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष
तेजप्रताप सिंह ने बताया कि सुशासन की सरकार में जब मर्जी तब नौजवानों को
नौकरी दे दिया जाता है, फिर उसके बाद जब मर्जी तब हटाने की घोषणा भी कर दी
जाती है। ऐसे में हमारा भविष्य ही अंधकारमय हो गया है। आखिर अब हमें कौन
नौकरी देगा? हमारे सामने तो अब भूखे मरने की नौबत है।
बता
दें कि नीतीश सरकार द्वारा जारी फरमान के खिलाफ 228 पंचायतों के फसल बीमा
कर्मचारी आरा संख्यिकी विभाग के कार्यालय में तालाबंदी कर धरने पर बैठे
हैं। बीमा कर्मचारियों का कहना है कि सरकार यदि हमारी सेवा विस्तार नहीं
करेगी, तो हम सामूहिक रूप से आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
बहरहाल,
इस मामले को लेकर राजद विधायक भाई दिनेश ने विधानसभा में सवाल उठाने की
बात कही है। भाई दिनेश ने सूबे के मुखिया को घोखेबाज करार दिया। साथ-साथ ये
भी कहा कि वर्तमान सरकार सूबे के नौजवानों को नौकरी के नाम पर ठगने का काम
कर रही है।