इंदौर। राजेंद्रनगर थाना क्षेत्र में गरीबी के चलते एक पिता बेटे के
लिए पुस्तक नहीं खरीद पाए। इस बात का मलाल उन्हें जिंदगीभर रहेगा। आठवीं
की पढ़ाई करने वाले बेटे को पिता ने कहा था कि मजदूरी के रुपए मिलते ही
पुस्तक दिला दूंगा। वह पिता की बात से निराश हो गया। निराश भी ऐसा हुआ कि
उसने मौत को गले लगा लिया। वह शनिवार को फंदे पर लटक गया। माता-पिता मजदूरी
से घर लौटे तो आत्महत्या का पता चला।
बुद्धनगर निवासी 14 वर्षीय राकेश उर्फ टिहू हिरवे पिता प्रकाश, मां लक्ष्मी
व छोटी बहन भारती के साथ रहता था। उसके माता-पिता मजदूरी करते हैं। राकेश
बीजलपुर के निजी स्कूल में नौवीं का छात्र था। शनिवार को माता-पिता बहन को
साथ लेकर मजदूरी करने चले गए। शाम को लौटे तो बेटा फंदे पर लटका मिला। यह
देख उनके होश उड़ गए। माता-पिता हादसे के बाद से बदहवास हैं। रविवार को
उसके शव का जिला अस्पताल में पीएम कराया।
दो दिन और नहीं रुका बेटा
परिजन ने बताया राकेश मेधावी छात्र था। 2 जुलाई से कक्षाएं शुरू हो गई थीं।
स्कूल प्रशासन राकेश को कोर्स की पुस्तक खरीदने का बोल रहा था। घर की माली
हालत ठीक नहीं होने के कारण पिता ने टिहू से कहा था कि मजदूरी के रुपए
मिलते ही वह उसे पुस्तक दिला देंगे। इसी बात से वह निराश हो गया और उसने
फांसी लगा ली। राकेश उनका इकलौता बेटा था।