इसके बाद हर वर्ष परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क ही अदा करना होगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने ओपन स्कूल योजना के तहत नई व्यवस्था की है। बोर्ड प्रबंधन का मानना है कि परीक्षा में फेल होने वाले अधिकतर छात्र तीन से चार पेपरों में पास होते हैं। ओपन स्कूल के तहत होने वाली परीक्षाओं में एक बार फेल छात्र भी यदि कुछ पेपरों में पास होंगे तो उन्हें पास किए पेपर दोबारा नहीं देने होंगे। जिन पेपरों में छात्र फेल हुआ है, वही परीक्षाएं दोबारा से देनी होंगी। इसके लिए पांच साल का समय होगा। साल में बोर्ड इसकी दो परीक्षाएं लेगा।
पांच साल में मिलेंगे नौ चांस
पांच साल की अवधि में छात्र को कुल नौ चांस मिलेंगे। नई व्यवस्था से परीक्षा में एक बार फेल उन छात्रों को ज्यादा मदद मिलेगी, जो एक से दो परीक्षाओं में फेल होने के कारण हतोत्साहित हो जाते हैं और पढ़ाई छोड़ जाते हैं।
उच्च शिक्षा लेने का बेहतर मौका
स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष बलराम शर्मा ने बताया कि ओपन स्कूल व्यवस्था के तहत छात्रों को नई सुविधा दी जाएगी। उन्होंने दावा कि इस व्यवस्था से अधिक से अधिक छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने का बेहतर मौका मिलेगा।