रायपुर. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के तहत
जरूरतमंदों को दिए गए स्मार्ट कार्ड राजधानी के कुछ निजी अस्पतालों की कमाई
का जरिया बन गए हैं। मोतियाबिंद ऑपरेशन में 3500 रुपए का खर्च बताकर
मरीजों के स्मार्टकार्ड से 6000 हजार रुपए निकाल लिए गए।
पीड़ितों ने इसकी शिकायत रायपुर जिला चिकित्सा अधिकारी, राजिम विकासखंड
चिकित्सा अधिकारी के साथ सरस्वती नगर थाने में भी की है। डीबी स्टार की
पड़ताल में ऐसे दस मरीज सामने आए हैं, जिनसे श्री गणोश आई हॉस्पिटल के
डॉक्टरों ने ज्यादा पैसे वसूले। इनमें से ९ मरीज राजिम के हैं, जबकि १
खरोरा का है। मालूम हो कि बिना कारण गर्भाशय निकालने के मामलों में भी
स्मार्ट कार्ड से ही भुगतान किए गए थे।
3500 रुपए का खर्च बताकर निजी अस्पताल वसूल रहे 6000 हजार
इस तरह हो रहा गोलमाल
आरएसबीवाई योजना के तहत मोतियाबिंद ऑपरेशन में चीरा लगाकर लेंस डालने के
लिए 3500 और फेको लेजर सर्जरी के लिए 6000 रुपए निर्धारित हैं। निजी
अस्पताल ऑपरेशन चीरा लगाकर कर रहे हैं, लेकिन पैसा फेको लेजर सर्जरी का
लिया जा रहा है। वे मरीजों को रसीद भी नहीं दे रहे हैं।
दायीं आंख का ऑपरेशन श्री गणोश आई हॉस्पिटल में हुआ है। 3500 का खर्च बताकर
कार्ड से 6000 रुपए निकाल लिए। धोखेबाजी की शिकायत स्वास्थ्य विभाग और
पुलिस से की है। इतवारी यादव, पीड़ित महिला
शिकायत करने वालों को आप लेकर आ जाइए। मैं भी पता करता हूं। हो सकता है दवा
के पैसे स्टाफ ने ले लिए हों। – डॉ. विनय जायसवाल, संचालक, श्री गणोश आई
हॉस्पिटल