मुजफ्फरपुर|
बिहार के लालगंज क्षेत्र के पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना
शुक्ला ने जेल में रहते हुए हिन्दी विषय में अपना शोध पूरा कर पीएचडी की
उपाधि हासिल कर ली है। वैसे बिहार में यह तीसरा मामला है जब जेल से ही किसी
नेता ने पीएचडी की उपाधि हासिल की हो। जनता दल (युनाइटेड) के बाहुबली नेता
और पूर्व विधायक शुक्ला ने मुजफ्फरपुर के रामेश्वर कॉलेज के प्रोफेसर
देवनंदन कुमार के मार्गदर्शन में ‘उपन्यासों में राजनीतिक चेतना की
अभिव्यक्ति’ विषय पर अपना शोध पूरा किया।
देवानंद ने बताया कि शुक्ला ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पीएचडी के लिए
शुक्रवार को अंतिम साक्षात्कार दिया। उन्होंने बताया कि शोध का विषय
शुक्ला के लायक है क्योंकि एक राजनीतिज्ञ के लिए यह सरल और उपयोगी है।
गौरतलब है कि दो वर्ष पहले एक स्थानीय अदालत ने बिहार के पूर्व मंत्री
बृजबिहारी प्रसाद की 1998 में की गई हत्या के मामले में शुक्ला को आजीवन
कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह जेल में बंद हैं।
उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पूर्व जद (यु) के विधायक सुनील पांडेय ने भी जेल
में ही रहकर अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान महावीर के दर्शन पर अपना शोध
पूरा किया था। आरा स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा एक दीक्षांत
समारोह में उन्हें यह उपाधि देकर सम्मानित किया गया था। पांडेय वर्तमान समय
में भी तरारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं और जमानत पर जेल से बाहर
हैं। इसके पूर्व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन भी
भीम राव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि ले चुके हैं।
बिहार के लालगंज क्षेत्र के पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना
शुक्ला ने जेल में रहते हुए हिन्दी विषय में अपना शोध पूरा कर पीएचडी की
उपाधि हासिल कर ली है। वैसे बिहार में यह तीसरा मामला है जब जेल से ही किसी
नेता ने पीएचडी की उपाधि हासिल की हो। जनता दल (युनाइटेड) के बाहुबली नेता
और पूर्व विधायक शुक्ला ने मुजफ्फरपुर के रामेश्वर कॉलेज के प्रोफेसर
देवनंदन कुमार के मार्गदर्शन में ‘उपन्यासों में राजनीतिक चेतना की
अभिव्यक्ति’ विषय पर अपना शोध पूरा किया।
देवानंद ने बताया कि शुक्ला ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पीएचडी के लिए
शुक्रवार को अंतिम साक्षात्कार दिया। उन्होंने बताया कि शोध का विषय
शुक्ला के लायक है क्योंकि एक राजनीतिज्ञ के लिए यह सरल और उपयोगी है।
गौरतलब है कि दो वर्ष पहले एक स्थानीय अदालत ने बिहार के पूर्व मंत्री
बृजबिहारी प्रसाद की 1998 में की गई हत्या के मामले में शुक्ला को आजीवन
कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह जेल में बंद हैं।
उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पूर्व जद (यु) के विधायक सुनील पांडेय ने भी जेल
में ही रहकर अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान महावीर के दर्शन पर अपना शोध
पूरा किया था। आरा स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा एक दीक्षांत
समारोह में उन्हें यह उपाधि देकर सम्मानित किया गया था। पांडेय वर्तमान समय
में भी तरारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं और जमानत पर जेल से बाहर
हैं। इसके पूर्व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन भी
भीम राव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि ले चुके हैं।