भागलपुर : श्री बाल सुबोधिनी पाठशाला में तीन जुलाई को शिक्षक की पिटाई
से बीमार पड़ा आयुष अब असामान्य व्यवहार करने लगा है. वह अपनी मां और पापा
को भी नहीं पहचान पा रहा है. चिकित्सक डॉ अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि
आयुष एक्यूट साइकोसिस विद् मेनिक एक्साइटमेंट नामक रोग से पीड़ित है.
हालांकि उसका अल्ट्रा सोनोग्राफी (यूएसजी) और सीटी स्कैन रिपोर्ट नॉर्मल
है. शरीर के किसी भी अंग या सिर पर चोट के निशान नहीं हैं. पर उसकी
वर्तमान हालत को देखते हुए उसे कांके (रांची) के मानसिक अस्पताल रेफर करने
का विचार किया जा रहा है. आयुष की मां कालो देवी ने बताया कि पहले वह सबके
साथ बहुत अच्छा वर्ताव करता था पर अब कभी भी कुछ भी बोलना शुरू कर देता है.
उसके भाई भी आयुष के जल्दी ठीक हो जाने की प्रार्थना कर रहे
हैं.चिकित्सक डॉ सिन्हा ने बताया कि भरती किये जाने के दौरान भी वह काफी
बेचैन था.लंबी-लंबी सांसें ले रहा था. अजीबोगरीब हरकत कर रहा था.रात भर दवा
चली तो सुबह नॉर्मल हो गया था. अभी वह फिर उसी तरह की हरकत करने लगा है.
इस बीमारी में मरीज अचानक कुछ भी मांग बैठता है.आयुष के पिता विनोद मंडल ने
उनके बच्चे को न्याय दिलाने की मांग की है.उधर, कोतवाली इंस्पेक्टर कुमोद
कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. अनुसंधानकर्ता से केस की
प्रगति की जानकारी इकट्ठी की जा रही है.
करेंगे यथासंभव मदद : प्राचार्य
श्री बाल सुबोधिनी पाठशाला की प्राचार्य लीला सिंह ने बताया कि आयुष के
इलाज में यथासंभवन मदद की जायेगी. फिलहाल उसके पिता को 4000 रुपये दिये गये
हैं. उन्होंने बताया कि गरमी की वजह से शिक्षा विभाग ने स्कूल को मॉर्निग
शिफ्ट में चलाने का निर्देश दिया था. बच्चों को इसकी सूचना देने के लिए
उन्हें दोपहर दो बजे कतार में लगने को कहा गया. इसी दौरान आयुष दूसरे बच्चे
से झगड़ गया.
शिक्षक प्रेम प्रकाश साह ने उसे शांत करने की कोशिश की तो आयुष ने
उन्हें अपशब्द कह दिया. इसी पर श्री साह ने उसे दो थप्पड़ जड़ दिया. इसके
बाद आयुष अजीब तरह की हरकतें करने लगा. शिक्षक सत्यनारायण मंडल ने बताया कि
आयुष की स्थिति बिगड़ती देख उसे तत्काल खलीफाबाग चौक स्थित लाइफ लाइन
अस्पताल ले जाया गया. वहां चिकित्सक ने उसे शिशु रोग विशेषज्ञ से इलाज
कराने की सलाह दी.
आयुष के पिता को फोन कर अस्पताल बुलाया गया. उनके कहने पर ही छात्रा को
आनंद क्लिनिक में भरती कराया गया. शिक्षकों ने कहा कि कोई भी गुरु अपने
शिष्य का दुश्मन नहीं होता है. श्री साह ने आयुष की गलती पर ही उसे थप्पड़
मारा होगा.
-संजीव झा