अब हर बच्चे को मिलेगा मां का दूध क्योंकि यहां खुल रहा है मदर मिल्क बैंक


उदयपुर.राजस्थान का पहला मदर मिल्क बैंक उदयपुर मेडिकल कॉलेज में
खोला जाएगा। राजस्थान में शिशु मृत्यु दर की खराब स्थिति के मद्देनजर इसे
अहम माना जा रहा है। अभी जरूरतमंद नवजात बच्चों को फ़ॉर्मूला मिल्क या
पाउडर दूध के सहारे आईसीयू में रखा जाता है।मुंबई, सूरत, पुणे और कोलकाता
में भी ऐसे मिल्क बैंक हैं।






उदयपुर मेडिकल कॉलेज के राजकीय महिला चिकित्सालय परिसर में खोले जाने वाले
इस मिल्क बैंक में दूध दान करने वाली माताओं का पहले स्वास्थ्य परीक्षण
किया जाएगा। खासतौर पर एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी के संक्रमण की जांच की
जाएगी।






दूध को परीक्षण के बाद माइनस 20 डिग्री तापमान पर तीन महीने तक सुरक्षित
रखा जा सकेगा। सूरत के यशोदा ह्यूमन मिल्क बैंक से जुड़े बाल रोग विशेषज्ञ
डॉ. केतन भदरवा के मुताबिक भारत में अलग-अलग क्षेत्र और समुदाय में दस से
40 फीसदी ऐसे नवजात शिशु होते हैं, जिन्हें किसी न किसी कारण से मां का दूध
नहीं मिल पाता। असमय मरने वाले सौ शिशुओं में से 16 को मां के दूध से
बचाया जा सकता है।




किसके लिए सबसे जरूरी




>प्री-मेच्योर डिलीवरी वाले नवजात शिशु के लिए।




>नवजात की मां की मृत्यु हो गई हो या बीमार हो।




>जिनकी मां स्तन पान करा सकने में किसी अन्य कारण से सक्षम न हो।




>जुड़वां या तीन बच्चों के एकसाथ जन्म पर।




>अनाथाश्रम में आए नवजात शिशुओं के लिए।

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