तलाक की वजह से आत्महत्या के मामले बढ़े

नयी दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में
कहा गया है कि तलाक और करियर संबंधी समस्याओं जैसी वजहों से ज्यादा लोग
आत्महत्या कर रहे हैं. वर्ष 2011 में हर घंटे कम से कम 16 लोगों ने
आत्महत्या की और ऐसा करने वाले लोगों की कुल संख्या 1.35 लाख थी.

भारत की रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से एक चौथाई मामलों में पारिवारिक
समस्याएं आत्महत्या की वजह थी. आत्महत्या की एक अन्य प्रमुख वजह किसी न
किसी बीमारी से जुड़ी हुई थी. राज्यवार आंकड़ें बताते हैं कि वर्ष 2011 में
आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल में सामने आये. बिहार-झारखंड
भी पीछे नहीं हैं.

तलाक और आत्महत्या

एनसीआरबी का कहना है कि तलाक की वजह से आत्महत्या करने के मामले 54
प्रतिशत बढ़े हैं. आत्महत्या के 70 प्रतिशत मामले शादीशुदा लोगों से जुड़े
हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि आत्महत्या का प्रत्येक पांच में से एक
मामला गृहणियों से जुड़ा है. वर्ष 2011 में, महानगरों में आत्महत्या के
सबसे ज्यादा मामले बेंगलुरु में सामने आये.

चेन्नई इस मामले में दूसरे और दिल्ली तीसरे स्थान पर रहा. रिपोर्ट में कहा
गया है कि नगालैंड में आत्महत्या के मामले 175 प्रतिशत बढ़े हैं. इसमें
कहा गया है कि साल 2011 में कुल 1,35,585 लोगों ने आत्महत्या की. इनमें 38
प्रतिशत ऐसे लोग भी थे जो अपने बूते पर रोजी-रोटी कमा रहे थे. वहीं इनमें
ऐसे लोगों की संख्या महज 1.2 प्रतिशत थी, जो सरकारी नौकरी करते थे.

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