संगरूर.
रविवार को प्रसारित ‘सत्यमेव जयते’ में संगरूर के गांव चंगाल को खूब सराहा
गया। गांव में पिछले तीन साल से शराब का ठेका नहीं है। शो में आमिर ने
शराबबंदी में सहायक पंचायती एक्ट की तारीफ करते हुए देश की सभी पंचायतों को
गांव चंगाल से सीख लेने को कहा। वीडियो कांफ्रेंसिंग में सरपंच परमजीत
सिंह चंगाल और गांववासियों ने ठेके के खिलाफ संघर्ष और पिछले तीन साल से हो
रहे फायदे के बारे में बताया। यहां की पंचायत ने पंचायती एक्ट का इस्तेमाल
कर गांव में ठेका नहीं खोलने का फैसला किया हुआ है।
अन्य पंचायतें प्रेरित होंगी
संगरूर की 55 पंचायतों ने शराबबंदी के खिलाफ सबसे ज्यादा प्रस्ताव पास किए
हैं। पंचायती एक्ट 1994 की धारा 40 के तहत गांव की सीमा में ठेका खोला जाए
या नहीं, इसका फैसला पंचायत कर सकती है। साइंटिफिक अवेयरनेस एंड सोशल
वेलफेयर फोरम के प्रधान डॉ. एएस मान व एडवोकेट कमल आनंद ने कहा कि जिन
पंचायतों को अपने अधिकार का पता नहीं था अब वह भी अपने गांवों को नशा मुक्त
बनाएंगी।
घिनौना, गधा या दोनों
शो में आए जाने-माने गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि शराबखोरी कोई आदत नहीं,
एक बीमारी है। पिछले 21 साल से शराब से तौबा कर चुके जावेद ने कहा कि शराब
पीकर आदमी तीन ही तरह का लग सकता है। घिनौना, गधा या फिर दोनों।
ट्विटर पर हॉट टॉपिक
‘सत्यमेव जयते’ के प्रसारण के कुछ मिनट बाद ही ट्वीट किया गया कि,
‘शराबखोरी परिवार को नष्ट करती है पर विजय माल्या कहते हैं कि यह समाज की
समस्या हो सकती है लेकिन मेरा तो व्यापार है।’ एक अन्य ने लिखा, ‘आमिर खान, हर महीने नशे में धुत्त फिल्म सेलिब्रिटी के हिट एंड रन के मामले आते हैं। यह भी तो एल्कोहल अब्यूज है।’
रविवार को प्रसारित ‘सत्यमेव जयते’ में संगरूर के गांव चंगाल को खूब सराहा
गया। गांव में पिछले तीन साल से शराब का ठेका नहीं है। शो में आमिर ने
शराबबंदी में सहायक पंचायती एक्ट की तारीफ करते हुए देश की सभी पंचायतों को
गांव चंगाल से सीख लेने को कहा। वीडियो कांफ्रेंसिंग में सरपंच परमजीत
सिंह चंगाल और गांववासियों ने ठेके के खिलाफ संघर्ष और पिछले तीन साल से हो
रहे फायदे के बारे में बताया। यहां की पंचायत ने पंचायती एक्ट का इस्तेमाल
कर गांव में ठेका नहीं खोलने का फैसला किया हुआ है।
अन्य पंचायतें प्रेरित होंगी
संगरूर की 55 पंचायतों ने शराबबंदी के खिलाफ सबसे ज्यादा प्रस्ताव पास किए
हैं। पंचायती एक्ट 1994 की धारा 40 के तहत गांव की सीमा में ठेका खोला जाए
या नहीं, इसका फैसला पंचायत कर सकती है। साइंटिफिक अवेयरनेस एंड सोशल
वेलफेयर फोरम के प्रधान डॉ. एएस मान व एडवोकेट कमल आनंद ने कहा कि जिन
पंचायतों को अपने अधिकार का पता नहीं था अब वह भी अपने गांवों को नशा मुक्त
बनाएंगी।
घिनौना, गधा या दोनों
शो में आए जाने-माने गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि शराबखोरी कोई आदत नहीं,
एक बीमारी है। पिछले 21 साल से शराब से तौबा कर चुके जावेद ने कहा कि शराब
पीकर आदमी तीन ही तरह का लग सकता है। घिनौना, गधा या फिर दोनों।
ट्विटर पर हॉट टॉपिक
‘सत्यमेव जयते’ के प्रसारण के कुछ मिनट बाद ही ट्वीट किया गया कि,
‘शराबखोरी परिवार को नष्ट करती है पर विजय माल्या कहते हैं कि यह समाज की
समस्या हो सकती है लेकिन मेरा तो व्यापार है।’ एक अन्य ने लिखा, ‘आमिर खान, हर महीने नशे में धुत्त फिल्म सेलिब्रिटी के हिट एंड रन के मामले आते हैं। यह भी तो एल्कोहल अब्यूज है।’