भीषण गर्मी और पानी की किल्लत से स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल

राजधानी में जारी भीषण गर्मी व पानी की किल्लत का असर स्वास्थ्य सेवाओं
पर भी पड़ने लगा है। जहां एक ओर दीपाली नामक मरीज द्वारा सफदरजंग अस्पताल के
ईएनटी विभाग से गर्मी की वजह से छुट्टी लेने का मामला सामने आया है, वहीं
दूसरी ओर नगर निगम के बड़ा हिंदूराव अस्पताल में पानी की किल्लत के कारण 13
सर्जरी की तिथि में बदलाव किया गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि जिन
दवाओं को ठंडी जगह पर रखने की जरूरत है उसे 35 डिग्री तापमान वाले कमरे में
रखा जा रहा है।

हिंदूराव के बेसमेंट में दवा का स्टोर रूम है और इसके भूतल पर
डिस्पेंसरी है। दोनों जगह दवाएं कमरे में रखी गई है। इस बारे में दिल्ली
मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हरीश गुप्ता कहते हैं कि वैक्सीन को
फ्रिज में रखने की जरूरत होती है वहीं, अन्य दवाओं के लिए 20 से 22 डिग्री
तापमान की जरुरत होती है, लेकिन यहां तो तापमान काफी ज्यादा है, जिसका
प्रभाव दवाओं पर पड़ सकता है।

पानी के लिए भटक रहे हैं लोग

बड़ा हिंदूराव में मरीजों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। एक-दो
जगहों पर पानी की मशीनें तो लगी हैं, लेकिन उससे पानी नहीं आता। मरीजों को
खरीदकर पानी पीना पड़ता है। नगर निगम प्रवक्ता वाईएस मान का कहना है कि
पिछले सप्ताह पानी की किल्लत की वजह से 13 सर्जरी की तिथि में बदलाव हुआ
था। अभी स्थिति बेहतर है।

जीटीबी में भी गर्मी से बेहाल हैं मरीज

जीटीबी अस्पताल में दवा के लिए लाइन में लगे लोग गर्मी से परेशान दिखे।
वहां लटके दो पंखों में सिर्फ एक ही चल रहा था। पीने के पानी के लिए पूरे
अस्पताल में दो मशीनें हैं, लेकिन वाटर कूलर और फिल्टर नहीं होने से लोग
परेशान हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजपाल का कहना है कि हमारे यहां चार
बोरवेल काम कर रहा है। जल बोर्ड पानी नहीं भी देगा तो भी पानी की कमी नहीं
होगी। आरओ सिस्टम भी काम कर रहा है।

टैंकर पर टिका है राव तुला राम अस्पताल

इस अस्पताल में पानी की समस्या आम बात है। पिछले महीने भी यहां पानी की
आपूर्ति समय पर नहीं होने की वजह से सर्जरी कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी थी।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विजय राय ने कहा कि पानी के टैंकर और
आरओ सिस्टम की मदद से हम काम चला रहे हैं।

एलएनजेपी में नहीं है ठंडा पानी

अस्पताल के ओपीडी के बाहर पीने के पानी की व्यवस्था तो है, लेकिन पानी
इतना गर्म है कि यह प्यास नहीं बुझा सकती। अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ.
रिचा दीवान कहती हैं कि कई जगह कूलिंग सिस्टम भी हैं, जहां कूलिंग सिस्टम
काम नहीं कर रहा है उसे ठीक किया जाएगा।

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