जाट संस्था के चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी

रोहतक. उत्तर
भारत की प्रसिद्ध जाट शिक्षण संस्था के चुनाव कार्यक्रम को जल्द ही
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी जाएगी। जाट संस्था के एक पूर्व प्रधान वोट
कटने के मामले को अदालत में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।


इस आशय की जानकारी देते हुए संस्था के पूर्व प्रधान धर्मवीर हुड्डा ने कहा
कि प्रस्तावित चुनाव के लिए भारी संख्या में मतदाता सूची से नाम काटे गए
हैं।




यह लोकतंत्र की हत्या है और समाज के लोग इससे क्षुब्ध हैं। संस्था के
संविधान के क भाग में साफ लिखा है कि कोई भी जाट बालिग 251 रुपए चंदा देकर
संस्था का सदस्य बन सकता है। गलत तरीके से नाम काट कर चुनाव अधिकारी ने
सीधे- सीधे संस्था के संविधान का उल्लंघन किया है। वहीं संस्था से जुड़े एक
धड़े के लोगों का मानना है कि संस्था की मतदाता सूची में से 80 हजार से
अधिक मत काटे गए हैं।




इससे पहले 2007 में 44253 वोटों पर चुनाव हुआ। तत्कालीन प्रधान द्वारा
33550 वोट नई बनाई गई। 16330 वोट बाद में बनाई गई हैं। इस हिसाब से कुल मत
94 हजार से ज्यादा बनते हैं, लेकिन चुनाव अधिकारी द्वारा महज 15445 नाम
मतदाता सूची में रखे गए हैं। यह लोकतंत्र का हनन है। इसलिए पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *