रायपुर. छत्तीसगढ़
में प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर अंकुश लगाने राज्य शासन ने पुरस्कार का
ऐलान किया है। जो व्यक्ति प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण करने वाले सोनोग्राफी
केंद्रों की सूचना देंगे। उन्हें 25 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी
तरह अवैध तरीके से चलने वाले सोनोग्राफी केंद्रों की जानकारी देने वालों
को भी 25 हजार रुपए इनाम में दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अमर अग्रवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य
विभाग ने ऐसे सोनोग्राफी केंद्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली
है। इसके तहत सोनोग्राफी केंद्रों की नियमित जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग के
संचालक डॉ. कमलप्रीत सिंह ने लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 का प्रदेश
में कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी
व्यक्ति संबंधित जिले के कलेक्टर या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
को इसकी सूचना दे सकता है। सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने जिले में पंजीकृत सोनोग्राफी केंद्रों
की नियमित जांच करें। इसके अलावा अपंजीकृत सोनोग्राफी केंद्रों के खिलाफ
कड़ी कार्रवाई करें। अपंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्र का पता चलने पर
सोनोग्राफी मशीन जब्त कर लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 के तहत प्रकरण
बनाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में छह
वर्ष के बालक-बालिकाओं में लिंग अनुपात का अंतर अधिक है, वहां विशेष ध्यान
दिया जाए।
में प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर अंकुश लगाने राज्य शासन ने पुरस्कार का
ऐलान किया है। जो व्यक्ति प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण करने वाले सोनोग्राफी
केंद्रों की सूचना देंगे। उन्हें 25 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी
तरह अवैध तरीके से चलने वाले सोनोग्राफी केंद्रों की जानकारी देने वालों
को भी 25 हजार रुपए इनाम में दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अमर अग्रवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य
विभाग ने ऐसे सोनोग्राफी केंद्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली
है। इसके तहत सोनोग्राफी केंद्रों की नियमित जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग के
संचालक डॉ. कमलप्रीत सिंह ने लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 का प्रदेश
में कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी
व्यक्ति संबंधित जिले के कलेक्टर या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
को इसकी सूचना दे सकता है। सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने जिले में पंजीकृत सोनोग्राफी केंद्रों
की नियमित जांच करें। इसके अलावा अपंजीकृत सोनोग्राफी केंद्रों के खिलाफ
कड़ी कार्रवाई करें। अपंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्र का पता चलने पर
सोनोग्राफी मशीन जब्त कर लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 के तहत प्रकरण
बनाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में छह
वर्ष के बालक-बालिकाओं में लिंग अनुपात का अंतर अधिक है, वहां विशेष ध्यान
दिया जाए।