प्रदेश में एक जुलाई से मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

जयपुर.प्रदेश
में राजस्थान बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 शुरू कर दी गई है। इसके तहत
बेरोजगारों को एक जुलाई से भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा। पुरुष एवं महिला
अभ्यर्थी को 500 रुपए प्रतिमाह एवं विशेष योग्यजन को 600 रुपए प्रतिमाह
भत्ता दिया जाएगा।




मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। योजना के
तहत परिवार की कुल वार्षिक आय में माता-पिता, पति-पत्नी तथा अवयस्क बच्चों
की आय भी शामिल मानी जाएगी। योजना में आवेदन के लिए आवश्यक है कि प्रार्थी
राजस्थान का मूल निवासी हो और राज्य में विधि द्वारा स्थापित किसी भी
विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री प्राप्त हो।




भत्ता प्राप्त करने के लिए आयु की कोई न्यूनतम सीमा नहीं होगी, लेकिन
सामान्य अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष एवं एससी, एसटी,महिला
एवं विशेष योग्यजन के लिए यह आयु सीमा 35 वर्ष होगी। प्रार्थी का किसी भी
एक रोजगार कार्यालय में निरंतर एक वर्ष की अवधि से पंजीकृत होना अनिवार्य
होगा। एक से अधिक रोजगार कार्यालयों में पंजीयन होने पर प्रार्थी को अयोग्य
घोषित कर दिया जाएगा।




यह भी अनिवार्य होगा कि प्रार्थी अन्य किसी कोष से किसी प्रकार का भत्ता,
छात्रवृत्ति या सहायता प्राप्त नहीं कर रहा हो। बेरोजगारी भत्ता प्रार्थी
को अधिकतम दो वर्ष की अवधि या उसके नियोजन प्राप्त करने की अवधि जो भी पहले
हो के लिए दिया जाएगा। भत्ता प्राप्त करने के दौरान रोजगार कार्यालय में
निरंतर पंजीयन जरूरी होगा। एक परिवार में कई बेरोजगार होने पर अधिकतम केवल
दो को ही भत्ता देय होगा।




हर वर्ष अधिकतम एक लाख युवाओं को ही बेरोजगारी भत्ता मंजूर किया जाएगा।
प्रतिवर्ष एक जुलाई को पात्र होने वाले युवाओं का चयन किया जाएगा। अधिक
आवेदक होने पर अधिक आयु वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रार्थी को अक्षत
कौशल योजना-2009 या राजस्थान बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 में से किसी एक
योजना का ही लाभ मिल सकेगा।




वे बेरोजगार इंजीनियर्स जो राज्य सरकार की बेरोजगार इंजीनियर्स को बगैर
निविदा आमंत्रित किए जाने की योजना के तहत पात्रता रखते हैं और इसका लाभ ले
रहे हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा जो बेरोजगार स्नातक
उपाधि के बाद भी शिक्षा निरंतर रख रहे हैं या प्रधानमंत्री ग्रामीण
स्वरोजगार योजना या मनरेगा में लाभ प्राप्त कर रहे हैं, वे भी इसका लाभ
नहीं ले सकेंगे।




किसी आवेदक के खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने, सरकारी या निजी क्षेत्र
में कार्यरत होने, स्वयं का रोजगार होने या केंद्र व राज्य सरकार से अन्य
कोई छात्रवृत्ति या सहायता प्राप्त करने पर इस योजना में पात्र नहीं होगा।
यदि कोई प्रार्थी किसी प्रकार की गलत सूचना या तथ्य देता है तो उसके
विरुद्घ पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाएगी।



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योजना का संचालन एवं मॉनिटरिंग संबंधित रोजगार कार्यालयाध्यक्षों के माध्यम
से की जाएगी। भत्ते के लिए राज्य सरकार रोजगार विभाग को बजट आवंटित करेगी।
यदि कोई प्रार्थी अपात्र पाया जाता है तो भुगतान किए गए भत्ते की वसूली की
जाएगी। योजना की क्रियान्विति के लिए रोजगार सेवा निदेशालय नोडल एजेंसी के
रूप में काम करेगा।

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