रायपुर.
कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू के विदेश दौरे को केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं
दी है। साहू यूएन कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए १६ जून को ही ब्राजील गए
हैं। इसके बाद उन्हें अमेरिका जाना है। अधिकृत घोषित नहीं किए जाने से कृषि
मंत्री के दौरे को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य
प्रशासन विभाग ने केंद्रीय विदेश मंत्रालय को 29 मई 2012 को पत्र लिखकर
कृषि मंत्री के यूएन कांफ्रेंस में शामिल होने को लेकर अनुमति मांगी थी।
सस्टेंशियल डेवलपमेंट पर यह कांफ्रेंस ब्राजील के रियो डी जिनोरियो में
आयोजित की गई है। अब विदेश मंत्रालय के को-ऑर्डिनेशन डिपार्टमेंट के
कंसल्टेंट रमेश कुमार का राज्य शासन को पत्र मिला है। इसमें कहा गया है कि
विदेश मंत्रालय कृषि मंत्री को यूएन कांफ्रेंस में भाग लेने की अनुमति नहीं
दे रहा। माना जा रहा है कि कृषि मंत्री पर्यावरण पर मंडराते खतरों से
पृथ्वी को बचाने के लिए वैश्विक स्तर पर चिंतन में छत्तीसगढ़ शासन का
प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
इसके अलावा वे वहां पर पर्यावरण सुरक्षा, हरित अर्थव्यवस्था, गरीबी उन्मूलन
और स्थिर विकास के मुद्दे पर होने वाली अन्य गोष्ठियों में भी भाग लेंगे।
ब्राजील के बाद साहू अमेरिका जाएंगे। कृषि मंत्री 3 जुलाई को रायपुर
लौटेंगे। माना जा रहा था कि कृषि मंत्री अधिकृत दौरे पर ब्राजील के रियो
-20 सम्मेलन में भाग लेने गए हैं। कंवर ने रद्द कर दिया था दौरा : इससे
पहले रमन सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन खाद्य मंत्री और वर्तमान
गृहमंत्री ननकीराम कंवर के दौरे को भी केंद्र से मंजूरी नहीं मिली थी। इसके
बाद उन्होंने अपना विदेश दौरा ही रद्द कर दिया था।
साहू ने कभी नहीं लिया भाग
विदेश मंत्रालय के कोआर्डिनेटर रमेश कुमार ने पत्र में लिखा है कि राज्य
सरकार को संभवत: रियो-20 सम्मेलन में भाग लेने को लेकर गलत जानकारी दी गई
है । उन्होंने (कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू) कभी भी इस वार्ता में
पार्टिसिपेट नहीं किया है। इसलिए मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के सम्माननीय
मंत्री के रियो-20 सम्मेलन में शामिल होने की संस्तुति नहीं करता है।
आगे क्या
केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं मिलने से कृषि मंत्री का दौरा आधिकारिक नहीं
माना जाएगा। इससे उन्हें दौरे पर होने वाले खर्च की राशि राज्य सरकार से
नहीं मिल पाएगी। अब या तो आयोजकों को यह खर्च वहन करना पड़ेगा या फिर
चंद्रशेखर साहू को खुद भुगतान करना होगा।
कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू के विदेश दौरे को केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं
दी है। साहू यूएन कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए १६ जून को ही ब्राजील गए
हैं। इसके बाद उन्हें अमेरिका जाना है। अधिकृत घोषित नहीं किए जाने से कृषि
मंत्री के दौरे को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य
प्रशासन विभाग ने केंद्रीय विदेश मंत्रालय को 29 मई 2012 को पत्र लिखकर
कृषि मंत्री के यूएन कांफ्रेंस में शामिल होने को लेकर अनुमति मांगी थी।
सस्टेंशियल डेवलपमेंट पर यह कांफ्रेंस ब्राजील के रियो डी जिनोरियो में
आयोजित की गई है। अब विदेश मंत्रालय के को-ऑर्डिनेशन डिपार्टमेंट के
कंसल्टेंट रमेश कुमार का राज्य शासन को पत्र मिला है। इसमें कहा गया है कि
विदेश मंत्रालय कृषि मंत्री को यूएन कांफ्रेंस में भाग लेने की अनुमति नहीं
दे रहा। माना जा रहा है कि कृषि मंत्री पर्यावरण पर मंडराते खतरों से
पृथ्वी को बचाने के लिए वैश्विक स्तर पर चिंतन में छत्तीसगढ़ शासन का
प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
इसके अलावा वे वहां पर पर्यावरण सुरक्षा, हरित अर्थव्यवस्था, गरीबी उन्मूलन
और स्थिर विकास के मुद्दे पर होने वाली अन्य गोष्ठियों में भी भाग लेंगे।
ब्राजील के बाद साहू अमेरिका जाएंगे। कृषि मंत्री 3 जुलाई को रायपुर
लौटेंगे। माना जा रहा था कि कृषि मंत्री अधिकृत दौरे पर ब्राजील के रियो
-20 सम्मेलन में भाग लेने गए हैं। कंवर ने रद्द कर दिया था दौरा : इससे
पहले रमन सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन खाद्य मंत्री और वर्तमान
गृहमंत्री ननकीराम कंवर के दौरे को भी केंद्र से मंजूरी नहीं मिली थी। इसके
बाद उन्होंने अपना विदेश दौरा ही रद्द कर दिया था।
साहू ने कभी नहीं लिया भाग
विदेश मंत्रालय के कोआर्डिनेटर रमेश कुमार ने पत्र में लिखा है कि राज्य
सरकार को संभवत: रियो-20 सम्मेलन में भाग लेने को लेकर गलत जानकारी दी गई
है । उन्होंने (कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू) कभी भी इस वार्ता में
पार्टिसिपेट नहीं किया है। इसलिए मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के सम्माननीय
मंत्री के रियो-20 सम्मेलन में शामिल होने की संस्तुति नहीं करता है।
आगे क्या
केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं मिलने से कृषि मंत्री का दौरा आधिकारिक नहीं
माना जाएगा। इससे उन्हें दौरे पर होने वाले खर्च की राशि राज्य सरकार से
नहीं मिल पाएगी। अब या तो आयोजकों को यह खर्च वहन करना पड़ेगा या फिर
चंद्रशेखर साहू को खुद भुगतान करना होगा।