पटना.
बिहार के मुजफ्फरपुर, गया और पटना के अस्पतालों में अज्ञात बीमारी से मरने
वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस अज्ञात बीमारी से बीते 15
घंटों में 10 और बच्चों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की संख्या 160
के आंकड़े को पार कर गई है।
इधर, दिल्ली से आए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल विभाग का छह सदस्यीय
विशेषज्ञ दल लगातार बीमारी प्रभावित गांवों का दौरा कर कई तरह के नमूने
इकट्ठे कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इस बीमारी ने अब तक
राज्य के 10 जिलों में पांव पसारे हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को
मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में छह और
केजरीवाल अस्पताल में चार बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो चुकी है जबकि
32 नए मरीज इन दोनों अस्पतालों में भर्ती हुए हैं।
उन्होंने बताया कि केवल मुजफ्फरपुर में 100 से ज्यादा बच्चे इस बीमारी से
मौत के गाल में समा चुके हैं। इसके अलावा अब तक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल
में 47 और गया जिले में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने प्रभावित 10
जिलों में चिकित्सकों की छुट्टी पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे
हैं। मरने वालों में से अधिकांश की आयु एक से सात वर्ष के बीच हैं।
चिकित्सकों के मुताबिक इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कम्पन होना है।
बिहार के मुजफ्फरपुर, गया और पटना के अस्पतालों में अज्ञात बीमारी से मरने
वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस अज्ञात बीमारी से बीते 15
घंटों में 10 और बच्चों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की संख्या 160
के आंकड़े को पार कर गई है।
इधर, दिल्ली से आए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल विभाग का छह सदस्यीय
विशेषज्ञ दल लगातार बीमारी प्रभावित गांवों का दौरा कर कई तरह के नमूने
इकट्ठे कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इस बीमारी ने अब तक
राज्य के 10 जिलों में पांव पसारे हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को
मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में छह और
केजरीवाल अस्पताल में चार बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो चुकी है जबकि
32 नए मरीज इन दोनों अस्पतालों में भर्ती हुए हैं।
उन्होंने बताया कि केवल मुजफ्फरपुर में 100 से ज्यादा बच्चे इस बीमारी से
मौत के गाल में समा चुके हैं। इसके अलावा अब तक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल
में 47 और गया जिले में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने प्रभावित 10
जिलों में चिकित्सकों की छुट्टी पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे
हैं। मरने वालों में से अधिकांश की आयु एक से सात वर्ष के बीच हैं।
चिकित्सकों के मुताबिक इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कम्पन होना है।