भड़की चिंगारी: अपनी ही जमीन पाने के लिए सड़क पर आए तीन हजार किसान-मछुआरे – विनोद यादव

रत्नागिरी (महाराष्ट्र). जैतापुर न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट (जेएनपीपी) के खिलाफ विरोध की चिंगारी एक बार फिर भड़क उठी है। बुधवार को करीब तीन हजार किसानों-मछुआरों ने अपने पशुओं के साथ प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई अपनी जमीन पर कब्जा लेने का असफल प्रयास किया।

कोंकण एंटी-न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट कमेटी के पदाधिकारी प्रदीप इंदुलकर का कहना है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी जमीन वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे शिवसेना विधायक राजन सालवी सहित करीब 100 के आस-पास किसानों को हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया कि जैतापुर प्रोजेक्ट के आस-पास के लगभग 10 गांवों के किसानों-मछुआरों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

जैतापुर प्रोजेक्ट का विरोध करने वाले प्रमुख नेताओं में से एक वैशाली पाटिल का कहना है कि प्रोजेक्ट स्थल पर एक हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और पांच से अधिक ग्रामिणों के इकट्ठा होने पर रोक लगाये जाने से इलाके का वातावरण तनावपूर्ण हो गया है।

गौरतलब है कि करीब 9900 मेगावॉट के प्रस्तावित जैतापुर न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए 730 हेक्टर जमीन अधिग्रहित की गई है। इसके अलावा प्रोजेक्ट की साइड पर काम करने वालों के निवास के लिए व उन्हें सार्वजनिक सुविधा मुहैया कराने के लिए 250 हेक्टर अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण किया गया है।

कोंकण के लोग इस परियोजना का कड़ा विरोध कर रहे हैं। जिन्हें शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे का राजनीतिक समर्थन प्राप्त है। चूंकि कुछ महीने पहले प्रोजेक्ट के विरोध में मछुआरों द्वारा किये गये उग्र प्रदर्शन में एक युवकी की मौत हो गई थी। इसलिए अब सरकार किसानों-मछुआरों के विरोध प्रदर्शन से निपटते वक्त बेहद सावधानी बरतती है।
 

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