प्रधान नहीं जानतीं पंचायतीराज मंत्री कौन!- सुरेश कासलीवाल की रिपोर्ट

अजमेर.जिले
की अरांई पंचायत समिति की प्रधान पारसी देवी, जहाजपुर प्रधान सीता देवी
गुर्जर व आसींद की प्रधान देबी भील अपने अधिकारों के बारे में तो अनजान हैं
ही, उन्हें पंचायतीराज विभाग के मुखिया पंचायतीराज मंत्री का नाम तक मालूम
नहीं है? एक को इसके बारे में जानकारी नहीं। दूसरी बोलती है, पूरा नाम पता
नहीं पर शायद कोई मालवीय हैं और तीसरी प्रधान ने पंचायतीराज मंत्री का नाम
बताया, राजेंद्र सिंह राठौड़ ।




तीनों महिला प्रधान राज्य सरकार द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं को हस्तांतरित
किए गए पांच विभागों के कार्यकलापों व गतिविधियों को लेकर अजमेर के
मेरवाड़ा एस्टेट पर जिला परिषद द्वारा आयोजित प्रधानों व संबंधित विभाग के
अधिकारियों के रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिरकत करने आई थी।




गुरुवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होने से ठीक पहले सुबह सवा दस बजे इन
महिला प्रधानों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारियों को टटोला तो यह
सामने आया कि प्रधान के पद पर वे आसीन जरूर हैं लेकिन पंचायत समिति को
चलाने वाला ‘रिंग मास्टर’ कोई और ही है। इन प्रधानों को अपने अधिकारों के
बारे में कोई खास जानकारी नहीं है। उन्हें इतना जरूर पता है कि अधिकारी यह
नहीं मानते कि वे पंचायतीराज के अधीन हैं।






म्हारो देवर ही पंचायत समिति ने चलावे




अजमेर जिले की अरांई पंचायत समिति की प्रधान पारसी देवी बातचीत में खुद
स्वीकारती हैं कि उन्हें अपने अधिकारों के बारे में कुछ मालूम नहीं है।
पंचायतीराज मंत्री का नाम तक वे नहीं जानतीं। वे अपने शब्दों में कहती
है,‘अधिकारां के बारां में आपां ने कोई जानकारी कोनी, आपां ने कांई तकलीफ
कोनी। आपां तो जार प्रधान की कुर्सी पर बैठ जावां। प्रधान कांई करे, मने ठा
कोनी। पंचायत समिति में म्हारे साथ म्हारो धणी साथ कोनी जावे, म्हारो देवर
भागीरथ वकील ही पंचायत समिति ने चलावे, काम करबा वाला बेई ही है। ’




पेली को प्रधान 3 लाख रुपया देतो, थे भी देवो !




भीलवाड़ा जिले की आसींद पंचायत समिति की प्रधान देबी भील को अधिकारों के
बारे में कोई जानकारी नहीं है। पंचायतीराज मंत्री का नाम पूछने पर वे कहती
हैं ‘शायद कोई मालवीय हैं’ वे कहती हैं, दो-तीन साल से विकास अधिकारी ही
नहीं है, कोई लगना ही नहीं चाहता।




‘कोई गरीब पंचायत समिति में आवे तो मूं बीने बुलार पूछूं और अधिकारी ने
बुलार बीको काम कराऊं। पंचायत समिति की बैठकां में कोरम पूरा कोनी होवे,
मेंबर लोग तंग करे। कह दिया मंत्री के पास जाकर लो पावर। मेंबर बोले, पेली
को प्रधान 3 लाख रुपया देतो, थे भी देवो। बेने कह दियो मने तो 5 हजार रुपए
तनख्वाह कामिले बस। नाराज होग्या अबे अविश्वास प्रस्ताव लाबा की धमकी दे
दी। ’




राजेंद्र सिंह राठौड़ हैं हमारे पंचायतीराज मंत्री




जहाजपुर पंचायत समिति की प्रधान सीता देवी गुर्जर अधिकारों को लेकर किए
सवाल को लेकर झिझकती हैं, बाद में बोलती हैं, ‘अधिकार है ना विकास के लिए
काम करते हैं। पंचायत समिति में जो पैसा आता है उसे ग्राम पंचायतों को
बांटना है। किसी गांव में कोई मर गया तो हम कुछ नहीं दे सकते। वे कहते हैं
प्रधान जी आए हैं तो कुछ देकर जाएंगे। पंचायतीराज मंत्री का नाम वे
राजेंद्र सिंह राठौड़ बताती हैं। वे कहती हैं, एमएलए साहब बहुत परेशान करते
हैं लेकिन उनकी चलती नहीं है। अब मेरे खिलाफ अविश्वास लाने की योजना बना
रहे हैं। अधिकारी नहीं मानते कि वे पंचायतीराज के अधीन हैं, वे प्रधानों के
अधिकार चाहते हैं। ’






प्रधानों के अधिकार प्रारंभिक शिक्षा




:एक से दूसरी पंचायत में तबादले पंचायत समिति की प्रशासन एवं स्थापना समिति करेगी




:अंतरजिला स्थानांतरण के पूर्ण अधिकार पैतृक विभाग के जिम्मे, पर हस्तांतरित कर्मचारी का तबादला पंचायतीराज विभाग की सहमति से होगा




:संपूर्ण साक्षरता अभियान तथा साक्षरता एवं सतत शिक्षा से जुड़े समस्त कार्य हस्तांतरित।




:बीईईओ पंचायत समिति के अधीन।




:हस्तांतरित स्टाफ का तकनीकी पर्यवेक्षण पूर्ववत।




कृषि विभाग




:कृषि पर्यवेक्षकों एवं सहायक कृषि अधिकारियों के कार्यकलाप पंचायत समितियों को हस्तांतरित।




:कृषि अभियंता संवर्ग कृषि विभाग से ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज के अधीन।




:कृषि मेला आयोजन पंचायतीराज संस्थाओं को हस्तांतरित।




महिला एवं बाल विकास विभाग




:आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक व बाल विकास परियोजना अधिकारी पंचायत समिति के अधीन।




चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग




:ग्रामीण क्षेत्र के सभी उपकेन्द्र, एडपोस्ट, अपग्रेडेड सब सेंटर व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पंचायत समिति के अधीन।




:पीएचसी व उप स्वास्थ्य केन्द्रों का पंचायत समिति द्वारा आकस्मिक निरीक्षण।




सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग



/> :जिलासमाज कल्याण अधिकारी, सहायक निदेशक व उप निदेशक द्वारा संचालित सभी
गतिविधियां, महकमे के नारी निकेतन, महिला सदन, किशोर गृह, आवासीय स्कूल,
संप्रेषण गृह सहित 50 योजनाएं पंचायतीराज संस्थाओं को हस्तांतरित।






ग्राम सचिवालय में हो समस्याओं का समाधान






जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामपाल शर्मा ने ग्राम सचिवालय
व्यवस्था एवं सुदृढ़ीकरण के लिए ग्रामीणों की समस्याओं के निस्तारण पर जोर
दिया है। उन्होंने इसके लिए टीम भावना विकसित कर लक्ष्य को प्राप्त करने की
बात भी कही। शर्मा गुरुवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास
संस्थान जयपुर एवं जिला परिषद के संयुक्त तत्वावधान में होटल मेरवाड़ा
एस्टेट में संभाग के अजमेर, नागौर, टोंक एवं भीलवाड़ा जिले के पंचायती राज
विभाग के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की दो दिवसीय संभाग स्तरीय
कार्यशाला के समापन पर बोल रहे थे।




संप्रेषण और सहभागिता बढ़ेगी




उन्होंने कहा कि ग्राम सचिवालय की बैठकें समय पर आयोजित कर पंचायत राज को
हस्तांतरित सभी विभागों के स्थानीय कर्मचारियों को बुलाएं। जिससे उन
विभागों से संबंधित ग्रामीणों की समस्याओं का भी मौके पर ही निस्तारण हो
सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित रिफ्रेशर कार्यशाला के
आयोजन से संभागियों में संप्रेषण क्षमता व सहभागिता बढ़ेगी और त्वरित
निगरानी व योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा में सहयोग की भावना पनपेगी।




शर्मा ने कहा कि पंचायती राज के सशक्तिकरण एवं विभागीय समन्वय के संकल्प से
यह कार्यशाला संपन्न हुई है और यहां के सीखे अनुभवों का जन प्रतिनिधियों
को फायदा मिलेगा। खुले सत्र में केकड़ी ब्लॉक मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ़
आरके गुप्ता ने कहा कि कार्यशाला से पंचायत राज विभाग से जुड़ने की प्रेरणा
मिली है। पीसांगन के ब्लॉक शिक्षाधिकारी आनंद कुमार शर्मा ने सकारात्मक
सोच से समस्याओं के निराकरण, सहायक परियोजना समन्वयक प्रदीप मेहरोत्रा ने
सर्वशिक्षा अभियान व पंचायती राज विभाग व जवाजा के सहायक कृषि अधिकारी
नरेन्द्र कुमार जैन ने आदेश की प्रक्रिया की स्पष्टता की जानकारी दी।




अवधारणा को समझें और जिला सरकार बनाएं




भीलवाड़ा के ब्लॉक शिक्षाधिकारी अरविंद सक्सेना ने कार्यशाला में हुए मंथन
को पंचायतीराज व्यवस्था कार्यप्रणाली में उपयोग में लाने, सरकार की
मंशानुरूप हस्तांतरित विभागों के मध्य समन्वय के लिए जिला सरकार की अवधारणा
स्पष्ट की। सहायक कृषि अधिकारी नंदलाल सेन ने कृषि पर्यवेक्षकों को
काश्तकारों से जोड़ने योजनाओं को समय पर लागू करने, जहां जयपुर के विकास
अधिकारी केएल वर्मा ने पंचायतीराज विभाग में अधिकार एवं कर्तव्यों को
स्पष्ट किया।




कमियों को दूर करें




मूंडवा के डॉ़ अशोक यादव ने ग्रामीण स्तर पर सत्ता के विकेंद्रीकरण सहायक
अभियन्ताघीसालाल मीणा तथा टोंक के एडीईओ मोहन सिंह सोलंकी ने सरल, सहज और
समयबद्ध रूप से जिम्मेदारी निर्वहन कर पंचायतीराज व्यवस्था में कमियों को
दूर करने के संबंध में विचार रखे। मुख्य आयोजना अधिकारी अंजना बोगावत ने
जिला कार्य योजना व आयोजना समिति, जिला साक्षरता अधिकारी आबिद अली नकवी ने
साक्षरता की स्थिति और साक्षर भारत मिशन, कृषि उप निदेशक हरजीराम चौधरी ने
विभाग की तथा छात्रावास अधीक्षक सीमा शर्मा ने सामाजिक अधिकारिता न्याय
विभाग की मुख्यमंत्री हुनर विकास, देवनारायण व सहयोग योजना के बारे में
बताया।




पंचायतीराज ग्रामीण विकास संस्थान के अतिरिक्त निदेशक महेंद्र पारख ने
समस्या निस्तारण के लिए नियम पढ़ने की जरूरत बताई। उन्होंने अजमेर जिला
परिषद की कार्य प्रणाली की प्रशंसा भी की। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी
अधिकारी सुरेश कुमार सिंधी ने जनप्रतिनिधियों के अनुरूप ग्रामीण विकास को
आगे बढ़ाने, मानसिक बाधाओं को दूर कर लक्ष्य को प्राप्त करने को कहा और
आभार व्यक्त किया। संचालन वर्तिका शर्मा ने किया।






‘पंचायती राज विभाग के सशक्तिकरण व समन्वय की दृष्टि से उचित प्रयास है।’




रामनारायण गुर्जर, प्रधान श्रीनगर




‘पंचायतीराज की मजबूती के लिए अधिकारी व जनप्रतिनिधि लोक सेवक बनें।’




जगदीश चौधरी प्रधान देवली




‘विकास का संकल्प लें निरीक्षण को मजबूत बनाएं और निशक्तों को संबल दें।’




खेमराज मीणा


प्रधान टोंक




‘जनजागृति से मिलजुल कर हस्तांतरित विभागों से समन्वय रखकर आगे बढ़ें।’




कैलाश चतुर्वेदी प्रधान उनियारा




‘ऐसी कार्यशाला पंचायतीराज विभाग के संबंध में सामान्य ज्ञान बढ़ाने वाली है।’




पारसी देवी


प्रधान अरांई




यह रहीं शिकायतें




:पंचायत समिति में रिक्त पदों को भरा जाए।




:चपरासी के तबादले मंत्री करेंगे तो हम क्या करेंगे?




अधिकार कम हैं, पूरे पावर नहीं दिए गए।




:अधिकारी कहना नहीं मानते।




यह दिए सुझाव




:जनप्रतिनिधि की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय हो।




:अधिकारियों के साथ हर माह वर्कशॉप लगे।


/>
:पंचायतीराज मंत्री के साथ विभागीय मंत्री भी आएं।




: सौंपे गए विभागों के प्रमुख शासन सचिव को भी बैठकों और कार्यशालाओं में बुलाया जाए।




प्रशिक्षण में क्या रहा खास




कितने प्रधान




कुल प्रधान: 36, आए: 12




जिले में प्रधान: 8 आए: 2




श्रीनगर के रामनारायण गुर्जर व अरांई प्रधान पारसी देवी पहुंचे




अधिकारियों की संख्या: 100




सदन के हीरो




उनियारा प्रधान




कैलाश चतुर्वेदी




सीईओ




रामपाल शर्मा




एसीईओ: सुरेश कुमार सिंधी

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