मनरेगा के काम में मजदूरों की मौत

पानीपत. यमुनानगर/छछरौली .जहां से श्रमिक मिट्टी उठा रहे थे।
वहां पर 30 फुट से अधिक ऊंचाई का मिट्टी के टीले हैं। जो रेतीले हैं। कार्य
कई दिनों से चल रहा था। हर रोज जेसीबी से टीले को गिराए जाते थे, मगर
गुरुवार को ऐसा नहीं किया गया। मृतकों के परिजनों का कहना है कि इसी कारण
से हादसा हुआ है। मशीन होती तो दबने वालों को जल्द से बाहर निकाला जा सकता
था। यहां पर सुरक्षा के अन्य इंतजाम भी नहीं थे।
गुरुवार को सलेमपुर
कोही गांव के मनरेगा के तहत 50 मजदूर यहां पर मिट्टी खुदाई का काम कर रहे
थे। अचानक मिट्टी का तोंदा गिरने से यहां काम कर रहे गांव के ही एक
वाल्मीकि परिवार के चार लोगों की मिट्टी के नीचे दबने से मौत हो गई। जबकि
एक अन्य मजदूर बुरी तरह से जख्मी हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही डीसी
अशोक सांगवान, एसडीएम बिलासपुर अश्विनी मैगी, बीडीपीओ छछरौली प्रताप सिंह,
साढौरा विधायक राजपाल सिंह भूखडी, तहसीलदार बिलासपुर घटना स्थल पर पहुंचे।
अधिकारियों ने पहले तो उस स्थान का मुआयना किया जहां स्कूल बनाने के लिए
मिट्टी भराई का काम चल रहा है। उसके बाद डीसी के नेतृत्व में अधिकारियों की
टीम उस स्थान पर पहुंची जहां मिट्टी में दबने से एक ही परिवार के चार
मजदूरों की मौत हो गई थी।
पिता को चाय देने गया था विजय,
सलेमपुर
कोही गांव में मिट्टी के नीचे दब जाने से जिन चार मजदूरों की मौत हो गई
है। उनके सबसे कम उम्र का विजय अपने पिता रामशरण को चाय देने गया था। चाय
पिलाते समय अचानक मिट्टी का टीला गिर गया। पिता तो साइड में बैठा हुआ था,
मगर चाय पिलाने आया 15 वर्षीय विजय इस घटना का शिकार हो गया। अब रामशरण
बार-बार यही विलाप कर रहा है कि न तो विजय चाय देने आता और न ही वह चाय
पीने के लिए जगह बदलता। यही सोचकर रामशरण बदहवास हुआ जा रहा है।
एक ही परिवार के थे चारों लोग
सलेमपुर
कोही गांव में मनरेगा स्कीम के तहत चल रहे मिट्टी खुदाई के काम में लगे
वाल्मीकि परिवार के रणिया पुत्र पुन्नू राम उम्र 55, विजय पुत्र रामशरण ,
गौरव पुत्र सुमेरचंद व रवि कुमार उर्फ कालू राम पुत्र सुरजाराम की मौके पर
ही मौत हो गई। जबकि गांव के ही श्याम लाल पुत्र नत्थूराम उम्र 28 वर्ष की
मिट्टी में दबने से गंभीर चोटें आई।
घायल को पीजीआई रेफर कर दिया गया
है। घायल श्याम लाल मिट्टी में दब गया था। मगर गनीमत रही कि उसकी गर्दन
मिट्टी से बाहर थी। इस कारण उसे बचा लिया गया। बाकी मजदूरों की मिट्टी में
दबने से दम घुट जाने से मौत हुई।

 

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