लखनऊ।
उप्र के 35 हजार करोड़ से अधिक के खाद्यान्न घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ
ने अखिलेश सरकार के खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा
भैया के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी पीआरओ राजीव कुमार यादव को नोटिस देकर तलब
किया है। सीबीआइ ने यादव को एक सप्ताह अंदर सीबीआई के लखनऊ आफिस में
उपस्थित होकर बयान देने के लिए कहा है। सीबीआई ने बुधवार को खाद्यान्न
घोटाले से जुड़े पांच लोगों को नोटिस जारी किया है। इस मामले में सीबीआई को
सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना है।
यादव ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा है कि रघुराज प्रताप सिंह
ने वर्ष 2004 से 2007 के दौरान मुलायम सिंह यादव सरकार में खाद्य एवं रसद
मंत्री रहते हुए तीन वर्ष के कार्यकाल में करोड़ों रुपये के घोटाले किये।
यादव ने आरोप लगाया कि घोटाले में राजा भैया की पत्नी और कई जनप्रतिनिधि
भी शामिल थे। यह सभी पैसों की लेन देन करते थे। उन्होंने बीपीएल,
अन्नपूर्णा, अन्त्योदय व पीडीएस के अनाजों को नेपाल व बांग्लादेश तक भेजने
का काम किया। यादव ने सुप्रीम कोर्ट में डायरी में दर्ज की गयी अवैध रकम के
रिकार्ड भी दिए हैं। यादव ने अपने शपथ पत्र के साथ यह प्रति सुप्रीम कोर्ट
में लगायी है। यादव ने घोटाले से 112.76 करोड़ रुपये हासिल करने का ब्यौरा
इसी डायरी में दर्ज किया था, जिसे अपने शपथपत्र का हिस्सा बनाया है। राजीव
यादव का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज होना है। सूत्रों का कहना है कि
बुधवार को सीबीआई ने खाद्यान्न घोटाले से जुड़े पांच लोगों को नोटिस जारी
किया है जो रघुराज प्रताप सिंह के 2004 से 2007 के कार्यकाल से जुड़े थे।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से सीबीआई खाद्यान्न घोटाले की
जांच कर रही है। खाद्यान्न घोटाले के सिलसिले में पिछले दिनों लखनऊ में
ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। जिसके बाद कांग्रेस के एआईसीसी के सदस्य दलजीत
सिंह को सीबीआई ने गिर तार किया है। खाद्यान्न घोटाले की जांच के लिए जनहित
याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता विश्वनाथ मोहन चतुर्वेदी ने कहा कि पूरा
घोटाला दो लाख करोड़ का है।