रांची : हाइकोर्ट में बुधवार को नगड़ी (कांके) में जमीन अधिग्रहण मामले
पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति प्रकाश टांटिया व न्यायमूर्ति अपरेश
कुमार सिंह की खंडपीठ ने ग्रामीणों (प्रार्थी) की हस्तक्षेप याचिका को
खारिज कर दी.
ग्रामीणों की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वकील राजीव कुमार ने कहा कि
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला हुआ है. सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बरला ने
भी कहा कि वे लोग सुप्रीम कोर्ट जायेंगे.
17 मई को धरना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), वाम दल, झारखंड
दिशोम पार्टी और झारखंड बचाओ आंदोलन का संयुक्त धरना 17 मई को राजभवन के
समक्ष दिया जायेगा. आज भाकपा समेत इन संगठनों की संयुक्त बैठक में इस आशय
का निर्णय लिया गया.
बैठक में नगड़ी में जमीन अधिग्रहण मामला समेत सीएनटी एक्ट और विस्थापन
के मुद्दे पर आंदोलन करने का फैसला लिया गया. 20 मई को विस्थापन के सवाल पर
हजारीबाग में प्रमंडल स्तरीय कन्वेंशन आयोजित किया जायेगा.
22 मई को झारखंड दिशोम पार्टी भूमि, भाषा और विस्थापन के मुद्दे पर सभा
आयोजित करेगी. इसमें वाम दलों के नेता भी हिस्सा लेंगे. बैठक में सीएनटी और
एसपीटी एक्ट के उल्लंघन और नगड़ी मामले को लेकर झारखंड बंद बुलाने पर भी
चर्चा की गयी.
बंद की तिथि की घोषणा 20 मई को होगी. बैठक की अध्यक्षता भाकपा के राज्य
सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने की. इस अवसर पर सालखन मुमरू, स्टेन स्वामी,
केएन पंडित, केपी के गांगुली, केडी सिंह ने भी अपने विचार रखे.
कांग्रेस का धरना 22 को : प्रदेश कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ की ओर से
हजारीबाग जिला समहरणालय में 22 को धरना दिया जायेगा. धरना कार्यक्रम में
पिछड़ी जाति को राज्य में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की जायेगी. यह
जानकारी फिरोज आलम ने दी है.