पटना : चालू वित्तीय वर्ष में 27 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड
देने का लक्ष्य है. इनमें 15 लाख नये किसान और 12 लाख पुराने किसानों के
कार्डो का रिन्युअल किया जायेगा. इस वर्ष से किसानों को केसीसी पासबुक की
जगह पर स्मार्ट कार्ड दिया जायेगा. यह फैसला बुधवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स
समिति की बैठक में लिया गया.
बैठक की जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि
बैंकों में निचले स्तर पर किस कदर भ्रष्टाचार फैला है, जनता को क्या
पेरशानी हो रही है. इसका समाधान कैसे किया जा सकता है. इन सारी चीजों को
जानने -समझने के लिए वाणिज्यिक बैंकों के मुख्य महाप्रबंधक मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार की सेवायात्रा में उनके साथ जायेंगे. इसका मकसद उन्हें जनता को
होनेवाली कठिनाइयों से अवगत कराना है. साथ में उन्हें यह भी बताना है कि
कैसे राज्य सरकार ने इस तरह की शिकायतों से निबटा है. बुधवार को वे सचिवालय
स्थित अपने कार्यालय कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
इस वर्ष बंटेगा 51200 करोड़ का कर्ज
उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष
2012-13 के लिए बैंकों के लिए निर्धारित लक्ष्य की चर्चा करते हुए कहा कि
इस बार 51400 करोड़ ऋण बांटने का लक्ष्य है. पिछले वर्ष 43200 करोड़ के
लक्ष्य के विरुद्ध 32415 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा गया.
2006-07 में 8738 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में बांटे गये थे. चार वर्षो
में यह बढ़ कर 32415 करोड़ रुपये हो गया है, जो चार गुणा है. बिहार में
25400 करोड़ रुपये का कृषि ऋण पिछले वर्ष बांटने का लक्ष्य था. इसके
विरुद्ध 14997 करोड़ ही बांटा गया.
सिर्फ 10 शाखाएं खुलीं
राज्य में बैंकों की शाखाओं की चर्चा करते हुए
उन्होंने कहा कि अभी 21358 की आबादी पर बैंक की शाखा है, जबकि राष्ट्रीय
मानक 14 हजार की आबादी पर एक शाखा का है. सितंबर, 2012 तक 1727 नयी शाखाएं
खोलने का निर्देश केंद्र व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को दिया है. इस
वर्ष अब तक सिर्फ 10 शाखाएं ही खोली गयी हैं.
यूनियन बैंक का बेहतर प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि कर्ज बांटने में
यूनियन बैक ऑफ इंडिया ने लक्ष्य का 98 प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर पहला स्थान
प्राप्त किया है. कैनरा बैंक ने 92 प्रतिशत, भारतीय स्टेट बैंक ने 89.51
प्रतिशत, पंजाब नेशनल बैंक ने 89.03 प्रतिशत तथा बैक ऑफ बड़ौदा ने अपने
लक्ष्य का 88.01 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है.
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में अच्छा
प्रदर्शन किया है. इसकी विकास दर 44 प्रतिशत रही है. निजी बैंकों का
प्रदर्शन पूर्व की तुलना में खराब ही रहा है. उन्होंने बताया कि पटना,
मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, दरभंगा व वैशाली में ऋण वितरण का प्रतिशत बेहतर रहा
है.
वहीं , सीवान, किशनगंज, अररिया, बक्सर, गया का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कम
रहा है. शिक्षा ऋण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब कैंप लगा कर ऋण
बांटा जायेगा. जिलों में कैंप लगा कर छात्रों से आवेदन लिया जायेगा और
दूसरे शिविर में ऋण की राशि दी जायेगी. इस वर्ष 26820 छात्रों के बीच
525.05 करोड़ रुपये का ऋण बांटा गयाहै. इससे पहले उपमुख्यमंत्री एसएलबीसी
की बैठक को संबोधित किया.
* मुख्यमंत्री की सेवायात्रा में जायेंगे बैंकों के सीजीएम भी : मोदी
* इस वर्ष 27 लाख किसानों को मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड
* 30 जून तक किसानों को अभियान चला कर दिया जायेगा केसीसी