रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में ढाई एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों को असंगठित मजूदरों की श्रेणी में रखने का फैसला किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के
सीमांत किसानों और भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के हित में निर्णय लेकर उन्हें
असंगठित मजदूरों के रूप में मान्यता दी है।
राज्य के श्रम मंत्री चन्द्रशेखर साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ढाई
एकड़ अथवा उससे कम कृषि योग्य भूमि रखने वाले किसान और भूमिहीन खेतिहर
मजदूरों को असंगठित श्रमिक माना जाएगा और उन्हें श्रमिक कल्याण योजनाओं का
लाभ दिया जाएगा। इन योजनाओं के तहत इन्हें जीवन बीमा और गंभीर बीमारियों से
इलाज की सुविधा के साथ ही सायकल, सायकल रिक्शा और सिलाई मशीन की सहायता
उपलब्ध कराई जाएगी। साहू ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा जिला कलेक्टरों को
अधिक से अधिक सीमांत किसानों और भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को असंगठित
श्रमिकों के लिए संचालित कल्याण योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिए गए
हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में 50 हजार रूपए तक वार्षिक आय वाले
स्व-नियोजित अथवा वैतनिक असंगठित मजदूरों को असंगठित कर्मकार सामाजिक
सुरक्षा मंडल द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। राज्य में ढाई एकड
तक भूमि रखने वाले किसानों अथवा भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को असंगठित
कर्मकार के रूप में मान्यता देते हुए उन्हें असंगठित कर्मकार सामाजिक
सुरक्षा अधिनियम 2008 के तहत असंगठित कर्मकारों के लिए संचालित समस्त
योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।