देहरादून, जागरण ब्यूरो: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री अमृता
रावत ने महिलाओं के जीवन स्तर व आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए संचालित
योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार और आंगनबाड़ी केंद्रों की कमी दूर कर अच्छे
पुष्टाहार वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने
कुपोषण के शिकार बच्चों का सरकारी अस्पतालों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण
कराने के निर्देश भी दिए।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने
पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं के कार्य बोझ में कमी, आजीविका में सुधार और
बच्चों की कुपोषण की समस्या दूर करने के विशेष प्रयास करने के निर्देश
दिए। उन्होंने कहा कि सभी आयु वर्ग के बच्चों को बेहतर गुणवत्ता वाला
पुष्टाहार वितरित किया जाए। उन्होंने प्रदेश की बिस्कुट फैक्ट्रियों से
पुष्टाहार में सभी आवश्यक तत्वों से मिश्रित बिस्कुट तैयार करने की
कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
साथ ही, स्थान उपलब्ध होने पर स्कूलों के आसपास आंगनबाड़ी केंद्र के लिए
विभागीय स्तर पर भवन निर्माण कराने पर बल दिया। काबीना मंत्री ने स्वयं
सहायता समूहों के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, स्वरोजगार के लिए
प्रेरित कर उनकी आर्थिक दशा सुधारने के निर्देश भी दिए। निदेशक अमित नेगी
ने बताया कि महिला समेकित विकास योजना के तहत 52 स्वयंसेवी संस्थाओं के
जरिए 13 जिलों में 1617 स्वयं सहायता समूहों द्वारा 31035 महिला
लाभार्थियों के कार्य बोझ में कमी व उनके सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण के
लिए गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि विभिन्न पुरस्कार योजनाओं के तहत 2011 में 41
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सात तीलू रौतेली पुरस्कार के प्रस्ताव मिले हैं।
राजीव गांधी योजना सबला के तहत चार जिलों में 35 परियोजनाएं और किशोरी
शक्ति योजना में 9 जिलों में 70 परियोजनाएं चल रही हैं। निदेशक अमित नेगी
ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की अन्य योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट भी
प्रस्तुत की। बैठक में सचिव अजय नबियाल, संयुक्त सचिव टीकम सिंह पंवार आदि
भी उपस्थित थे।