चंडीगढ़. देश
में करोड़ों लोग बेशक भूखे पेट सोते हैं लेकिन पंजाब में केंद्र और राज्य
सरकार में ढुलाई को लेकर चल रहे मतभेद के कारण पिछले पांच साल में त्न10
करोड़ से ज्यादा का अनाज सड़ गया है।
राज्य सरकार का आंकड़ा बताता है कि 97 हजार टन गेहूं सड़ा है। इसमें सेअभी
47 हजार टन गेहूं की नीलामी की जाएगी। इससे या तो कैटल फीड बनाई जाएगी या
फिर इसे शराब कंपनियां खरीदेंगी। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप
सिंह कैरों और एफसीआई के सीनियर जनरल मैनेजर नीलकंठ ने इसकी पुष्टि की है।
खाद्य आपूर्ति मंत्री कैरों ने बताया कि 47 हजार टन गेहूं के अलावा शेष
अनाज अभी भी नीलामी से पहले के अलग-अलग चरणों में फंसा हुआ है, जब उसकी
मंजूरी आएगी तभी यह नीलाम किया जाएगा। गौर हो कि पंजाब में 2.04 करोड़ टन
अनाज रखने की ही क्षमता है। इसमें एक करोड़ टन कवर्ड गोदामों में और 1.04
करोड़ ओपन में रखा जा रहा है।
7.50 लाख टन क्षमता वाले गोदाम पूरे
इस समय गोदामों में पिछले साल का 65 लाख टन गेहूं और 55 लाख टन चावल अभी
गोदामों में पड़ा है, जबकि 1.20 करोड़ टन गेहूं इस साल आने की संभावना है।
कैरों ने बताया कि केंद्र सरकार ने पंजाब में 42 लाख टन की क्षमता वाले
गोदाम बनाने की इजाजत दी है। इसमें से 7.50 लाख टन की क्षमता वाले गोदाम
पूरे होने के करीब हैं।
गेहूं खरीद में रिकॉर्ड
पंजाब ने गेहूं पैदावार में इस साल फिर से रिकॉर्ड कायम कर दिया है। राज्य
की मंडियों में अब तक 1.12 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है
जबकि अभी आठ लाख टन और आने की उम्मीद है। किसानों के लिए यह बेशक खुशखबरी
है, लेकिन राज्य सरकार को इतनी भारी पैदावार को खरीदने में मुश्किल आ रही
है। खरीद के लिए दस लाख टन बोरियां कम पड़ रही हैं।
हालांकि केंद्र ने वन टाइम यूज बारदाना प्रयोग करने की इजाजत तो दे दी है,
लेकिन इसके लिए यह शर्त लगा दी है कि यह केवल पंजाब में बिकने वाले अनाज के
ही प्रयोग में लाई जाए। कैरों ने इस पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि
इससे खरीद करनी मुश्किल हो जाएगी। वह मंगलवार को केंद्रीय खाद्य एवं
आपूर्ति मंत्री केवी थामस से इस संबंध में मिलेंगे। फरवरी में ही 115 लाख
टन अनाज खरीदने के लिए उन्होंने बारदाने का आर्डर दे दिया था। इसके बावजूद
इसकी आपूर्ति नहीं हुई है।
में करोड़ों लोग बेशक भूखे पेट सोते हैं लेकिन पंजाब में केंद्र और राज्य
सरकार में ढुलाई को लेकर चल रहे मतभेद के कारण पिछले पांच साल में त्न10
करोड़ से ज्यादा का अनाज सड़ गया है।
राज्य सरकार का आंकड़ा बताता है कि 97 हजार टन गेहूं सड़ा है। इसमें सेअभी
47 हजार टन गेहूं की नीलामी की जाएगी। इससे या तो कैटल फीड बनाई जाएगी या
फिर इसे शराब कंपनियां खरीदेंगी। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप
सिंह कैरों और एफसीआई के सीनियर जनरल मैनेजर नीलकंठ ने इसकी पुष्टि की है।
खाद्य आपूर्ति मंत्री कैरों ने बताया कि 47 हजार टन गेहूं के अलावा शेष
अनाज अभी भी नीलामी से पहले के अलग-अलग चरणों में फंसा हुआ है, जब उसकी
मंजूरी आएगी तभी यह नीलाम किया जाएगा। गौर हो कि पंजाब में 2.04 करोड़ टन
अनाज रखने की ही क्षमता है। इसमें एक करोड़ टन कवर्ड गोदामों में और 1.04
करोड़ ओपन में रखा जा रहा है।
7.50 लाख टन क्षमता वाले गोदाम पूरे
इस समय गोदामों में पिछले साल का 65 लाख टन गेहूं और 55 लाख टन चावल अभी
गोदामों में पड़ा है, जबकि 1.20 करोड़ टन गेहूं इस साल आने की संभावना है।
कैरों ने बताया कि केंद्र सरकार ने पंजाब में 42 लाख टन की क्षमता वाले
गोदाम बनाने की इजाजत दी है। इसमें से 7.50 लाख टन की क्षमता वाले गोदाम
पूरे होने के करीब हैं।
गेहूं खरीद में रिकॉर्ड
पंजाब ने गेहूं पैदावार में इस साल फिर से रिकॉर्ड कायम कर दिया है। राज्य
की मंडियों में अब तक 1.12 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है
जबकि अभी आठ लाख टन और आने की उम्मीद है। किसानों के लिए यह बेशक खुशखबरी
है, लेकिन राज्य सरकार को इतनी भारी पैदावार को खरीदने में मुश्किल आ रही
है। खरीद के लिए दस लाख टन बोरियां कम पड़ रही हैं।
हालांकि केंद्र ने वन टाइम यूज बारदाना प्रयोग करने की इजाजत तो दे दी है,
लेकिन इसके लिए यह शर्त लगा दी है कि यह केवल पंजाब में बिकने वाले अनाज के
ही प्रयोग में लाई जाए। कैरों ने इस पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि
इससे खरीद करनी मुश्किल हो जाएगी। वह मंगलवार को केंद्रीय खाद्य एवं
आपूर्ति मंत्री केवी थामस से इस संबंध में मिलेंगे। फरवरी में ही 115 लाख
टन अनाज खरीदने के लिए उन्होंने बारदाने का आर्डर दे दिया था। इसके बावजूद
इसकी आपूर्ति नहीं हुई है।