नई दिल्ली/रायपुर।
नक्सली नेता नारायण सान्याल को वर्ष 2006 के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट
से जमानत मिल गई है। न्यायाधीश जीएस सिंघवी और एसजे मुखोपाध्याय की दो
सदस्यीय बेंच ने सोमवार को उनकी उम्र और गिरफ्तारी के बाद से छह साल जेल
में बिता लेने को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया।
78 वर्षीय सान्याल को पीयूसीएल के उपाध्यक्ष बिनायक सेन और कोलकाता के
व्यापारी पीयूष गुहा के साथ राज्य में नक्सल गतिविधियों को बढ़ावा देने के
मामले में गिरफ्तार किया गया था। सेन व गुहा को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
सान्याल को रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश अब छत्तीसगढ़ की निचली
अदालतों में पेश करना होगा। उन पर और भी मामले चल रहे हैं। आदेश आने व उसे
कोर्र्ट में प्रस्तुत करने में दो-तीन दिन का समय लग सकता है।
नक्सली नेता नारायण सान्याल को वर्ष 2006 के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट
से जमानत मिल गई है। न्यायाधीश जीएस सिंघवी और एसजे मुखोपाध्याय की दो
सदस्यीय बेंच ने सोमवार को उनकी उम्र और गिरफ्तारी के बाद से छह साल जेल
में बिता लेने को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया।
78 वर्षीय सान्याल को पीयूसीएल के उपाध्यक्ष बिनायक सेन और कोलकाता के
व्यापारी पीयूष गुहा के साथ राज्य में नक्सल गतिविधियों को बढ़ावा देने के
मामले में गिरफ्तार किया गया था। सेन व गुहा को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
सान्याल को रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश अब छत्तीसगढ़ की निचली
अदालतों में पेश करना होगा। उन पर और भी मामले चल रहे हैं। आदेश आने व उसे
कोर्र्ट में प्रस्तुत करने में दो-तीन दिन का समय लग सकता है।