आसान नहीं फूड सेफ्टी एक्ट को लागू कराने की राह- दीपक भंडारी

अमृतसर. फूड
सेफ्टी एक्ट के तहत खाद्य पदार्थो का कारोबार करने वालों के लाइसेंस बनाने
या रजिस्ट्रेशन करने की जिम्मेदारी जिले में एक ही फूड सेफ्टी अधिकारी को
सौंपी गई है। कारोबारी को फार्म मुहैया करवाने से लेकर इसे भरने तथा उसे
दूसरी चीजों की जानकारी देना भी इसी अधिकारी का ही काम है। जिले में लाखों
कारोबारी ऐसे हैं, जो इस एक्ट के दायरे में आ गए हैं।




ऐसे में सेहत विभाग से जुड़े इस सेफ्टी अधिकारी की राह आसान नहीं है। यही
कारण है कि एक माह पहले कारोबारियों को दी गई चेतावनी के बावजूद केवल 70
कारोबारियों ने ही अपना लाइंसेस लेने या रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सेहत
विभाग में आवेदन दिए हैं।




एक तरफ तो राज्य के फूड सेफ्टी कमिश्नर राजी पी श्रीवास्तव ने प्रदेश में
कछुआ की चाल चल रही लाइसेंस प्रणाली के काम में तेजी लाने के आदेश जारी किए
हैं। वहीं दूसरे तरफ हमारे राजनेता कारोबारियों को आश्वासन दे रहे हैं।
ऐसे में फूड सेफ्टी अधिकारी की राह ओर भी कठिन हो जाती है। इसी मामले को
लेकर जहां सोमवार को सिविल सर्जन कार्यालय में मौजूद फूड सेफ्टी अधिकारी ने
जिले की अलग अलग एसोसिएशनों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। वहीं
कारोबारी बुधवार 2 मई को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री परकाश सिंह से मिलने जा
रहे हैं।




इस एक्ट को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने गत वर्ष अगस्त माह में अपनी
मंजूरी दी थी। हालांकि राज्य में विधानसभा चुनावों के चलते इसे सख्ती से
लागू नहीं किया गया था। 31 मार्च के बाद इसे लागू करने के आदेश जारी कर दिए
गए हैं। इसके तहत 12 लाख रुपए से कम सालाना सेल करने वाले व्यापारियों को
सेहत विभाग से रजिस्ट्रेशन करानी होगी, जिसकी वार्षिक रजिस्ट्रेशन फीस एक
सौ रुपए है। इससे अधिक सेल करने वाले व्यापारी को सेहत विभाग से लाइसेंस
लेना होगा।




इसमें हरेक वर्ग के लिए अलग-अलग फीस निर्धारित की गई है। इसमें दो हजाऱ
रुपए से लेकर पांच हजार रुपए तक सालाना फीस जमा करानी होगी। रजिस्ट्रेशन
करवाने या लाइसेंस लेने में कोताही करने वालों पर जुर्माने का प्रावधान भी
है।






छोटे दुकानदारों को छूट देने की मांग




आल इंडिया एंटी करप्शन के अध्यक्ष महंत रमेशानंद सरस्वती कहते हैं कि सरकार
ने इसके दायरे में हरेक छोटे बड़े विक्रेता को रखा है। उन्होंने
मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल को पत्र लिखकर गलियों या चौराहों में चाय या
रेहड़ी पर सामान आदि बेच कर अपना गुजर बसर करने वालों को इस एक्ट के दायरे
से बाहर रखे जाने की सिफारिश की है।






क्या कहते हैं अधिकारी






फूड सेफ्टी अधिकारी अमित जोशी ने कहा कि फूड सेफ्टी कमिश्नर ने दो दिन पहले
चंडीगढ़ में बैठक कर सभी जिलों के फूड सेफ्टी अधिकारियों को एक्ट को सख्ती
से लागू करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में उन्होंने सोमवार को अलग-अलग
एसो. के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। उन्होंने माना कि एक्ट का काम अधिक
है और आदमी कम।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *