जानते हैं ‘जहरीला’ है लेकिन पीना मजबूरी

शिमला.
संजौली के साथ लगते चलौंठी के करीब 2 हजार लोग जानते हुए भी ‘जहरीला’ पानी
पी रहे हैं। यहां तीसरे दिन पानी की सप्लाई मिल रही है। लिहाजा लोगों को
दूषित बावड़ी का पानी इस्तेमाल करना पड़ रहा है।








जिला स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने बावड़ी में बोर्ड भी लगा रखा है कि
यहां का पानी पीने योग्य नहीं है, लेकिन लोगों के पास इस बावड़ी के अलावा
कोई विकल्प नहीं है। क्षेत्र में पेयजल की भारी किल्लत के चलते यहां के
करीब 2 हजार लोग प्राकृतिक जलस्रोतों पर ही निर्भर हैं। स्थिति जानते हुए
भी नगर निगम लोगों की इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाल पा रहा है। इस
क्षेत्र से अकसर जलजनित रोगों के मामले सामने आते रहते हैं। पिछले वर्ष भी
क्षेत्र से 25 डायरिया के मामले सामने आए थे।






कई बार दिए धरने


चलौंठी में पानी की समस्या नई नहीं है। यहां के लोग हमेशा से ही प्राकृतिक
जलस्रोतों पर निर्भर हैं। माकपा के सचिवालय सदस्य संजय चौहान ने कहा कि नगर
निगम इस क्षेत्र को स्वच्छ और पर्याप्त पानी की सप्लाई उपलब्ध करवाने में
विफल साबित हुआ है। माकपा ने कई बार निगम के सामने धरने भी दिए हैं, लेकिन
समस्या जस की तस है।








निगम ने चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। जहां तक पानी के किल्लत की बात है तो निगम
क्षेत्र के लोगों की समस्या को जानता है। इस लिए क्षेत्र को 250 करोड़ की
योजना के तहत लाया गया है। पीने की पाइप लाइन बिछा दी गई और जैसे आईपीएच
विभाग पंप स्थापित करता है। यहां लोगों की पानी की किल्लत दूर हो जाएगी।




-मधु सूद, महापौर नगर निगम

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