मिलावट बढ़ी, मुनाफाखोरी भी

देहरादून। जो दूध आप तक 36 से लेकर 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच रहा है।
उसके लिए दूध उत्पादकों को केवल 22-23 रुपए हासिल हो रहे हैं। सस्ता दूध
चाहने की इच्छा रखने वालों के लिए खुले दूध का विकल्प है, लेकिन इसका सेवन
खतरे से खाली नहीं। यूरिया, स्टार्च, सिंघाड़े का आटा मिला यह दूध कभी भी
मुसीबत बन सकता है। अकेले दून में दो करोड़ से ज्यादा का कारोबार हो रहा
है। मांग पांच लाख लीटर से ज्यादा दूध की है। अकेले सहारनपुर जिले से हर
रोज साढ़े तीन लाख लीटर खुला दूध दून पहुंच रहा है। प्रति किलो 15 से 18
रुपए का फायदा दूध बेचने वालों को पहुंच रहा है। पर इतने से उनका पेट नहीं
भर रहा। अमूल के रेट बढ़ाने का सहारा ले इन्होंने सस्ते दूध की आड़ में
मिलावटी दूध की आपूर्ति बढ़ा दी है।

मुनाफा खोरी में कंपनियां कहां पीछे
कंपनियां
भी मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहीं। दूध उत्पादकों को दिए जाने वाले तकरीबन
22 रुपए छोड़ दिए जाएं। पैकेजिंग में आने वाली 3-4 रुपए की लागत को भी
ध्यान में न लाया जाए तो भी उनका मुनाफा तकरीबन 10-15 रुपए तक है, इसके
बावजूद वह कीमत बढ़ा रहे हैं, जो समझ से बाहर है। दुग्ध उत्पादक संघ के
पदाधिकारी डा. टीएल सिंह के अनुसार कंपनियों का रेट बढ़ाने का कोई फार्मूला
तय नहीं। नजर बस मुनाफे पर है।

डेढ़ लाख लीटर दूध की आपूर्ति डेयरी कंपनियों की
शहर
में डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा दूध की आपूर्ति डेयरी कंपनियों की है। यानी
इनका हर रोज का कारोबार 60 लाख रुपए से अधिक का है। अमूल ने अभी दूध के दाम
दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की है। अन्य कंपनियां भी जल्द ही दाम
बढ़ाने के मूड़ में हैं। ऐसे में स्थिति कोई भी रहे, नुकसान हर हाल में
उपभोक्ता को ही भुगतना पड़ेगा, यह तय है।

इन डेयरी कंपनियों के दूध की खपत सबसे ज्यादा :
अमूल
रिलायंस
मदर डेयरी
पारस
गोपाल जी
आंचल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *