उन्होंने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2014 में प्रारंभ हो जाएगी जिससे धान का कटोरा कहे जाने वाले इस क्षेत्र की करीब 33467 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। उन्होंने कहा कि परियोजना के निर्माण में गुणवत्ता और विशिष्टता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना का शिलान्यास वर्ष 1975 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम ने किया था। उस समय इस परियोजना की लागत करीब 25 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया था जबकि वर्तमान समय में इस परियोजना में 1096 करोड़ रुपये के लागत आने की संभावना व्यक्त की गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना में गहरी रुचि लेते हुए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मिलकर अनापत्ति पत्र प्राप्त किया था।