उन्होंने कहा कि बसपा सरकार में प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन के सात दुग्ध संघ मथुरा, फतेहपुर, आगरा, मुरादाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर व मुजफ्फरनगर इकाइयों में तालाबंदी हो गई। इकाइयों के कर्मचारी बेरोजगार हो गए और किसानों के दूध की बकाया कीमत नहीं दी गई।
प्रदेश में सपा-राज आते ही बंद मथुरा, फतेहपुर, आगरा इकाइयों को 5.46 करोड़ रुपये की सरकारी मदद देकर चालू कराया गया। वहीं मुरादाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर व मुजफ्फरनगर इकाइयों को शीघ्र ही सरकारी मदद जारी होने वाली है। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दुग्ध विकास को लघु उद्योग का दर्जा देने की तैयारी में जुटे हैं।
इससे गांव के लोगों को आमदनी के नए अवसर बढ़ेंगे और दुग्ध व्यवसाय से जुड़े ग्रामीण आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। उन्होंने बताया कि प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने चालू वित्तीय वर्ष में रोजाना 900 लाख लीटर दुग्ध उपार्जन का लक्ष्य पाने में जुटा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत दुग्ध विकास के लिए 13.89 करोड़ रुपये अवमुक्त किए जा चुके हैं। इससे पहले प्रमुख सचिव डॉ. बीपी नीलरत्न ने कहा कि फेडरेशन का रोज का दूध उपार्जन 556 लाख लीटर है, जिसमें से 262 लाख लीटर की बिक्री होती है।