फरवरी में यह 6.95 प्रतिशत पर रही थी। पिछले साल मार्च में महंगाई दर 9.68 फीसदी के उच्च स्तर पर थी। मुखर्जी ने कहा कि यदि महंगाई दर 6.5 प्रतिशत के दायरे में आती है, तो सरकार ज्यादा संतोषजनक स्थिति में होगी। हमें इस पर सतर्क रहना है। निश्चित तौर पर सप्लाई साइड की दिक्कतें खाद्य महंगाई दर को प्रभावित कर ही हैं। सरकार इसे दूर करने का प्रयास कर रही है।
मालूम हो कि मार्च में खाद्य महंगाई दर तेजी से बढ़कर 9.94 फीसदी पर पहुंच गई है। जबकि फरवरी में यह 6.07 फीसदी पर थी। थोक मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी 14.3 फीसदी है। हालांकि वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि समय के साथ महंगाई दर नीचे आएगी। मार्च महीने में सब्जियों की महंगाई 30.57 फीसदी के उच्च स्तर पर थी। यह फरवरी में 1.57 फीसदी थी। इसी तरह, दूध 15.29 फीसदी महंगा हुआ। चावल और अनाज की कीमतों में क्रमश: 4.73 फीसदी और 4.41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।