मेलबर्न: दक्षिण अफ्रीका के वनस्पतिशास्त्री लिआल वाटसन ने जब अपनी
पुस्तक ‘सुपरनेचर’ में कहा था कि पौधों में भी भावनाएं होती हैं और उसे
‘लाई डिटेक्टर’ पर दर्ज किया जा सकता है तो सभी ने उनकी इस बात को मजाक
समझा था.
इस बात को करीब चार दशक बीत गए हैं और अब ‘यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न
ऑस्ट्रेलिया (यूडब्ल्यूए) ‘ के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि पौधे वास्तव
में आवाज सुनकर प्रतिक्रिया देते हैं और आपस में बातचीत करने के लिए अवाजें
निकालते हैं.
यूडब्ल्यूए की पोस्टडॉक्टरल रिसर्च फेलो, मोनिका गैग्लिआनो ने ब्रिटेन
के ‘यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल’ के डैनियल रॉबर्ट और इटली के ‘यूनिवर्सिटी ऑफ
फ्लोरेंस’ के स्टेफनो मानकुसो के साथ मिलकर यह पता लगाया है कि छोटे पौधों
की जडें कुछ विशिष्ट आवाजों को सुनकर प्रतिक्रिया देती हैं. इस शोध के
परिणाम जानी-मानी विज्ञान पत्रिका ‘ट्रेंड्स इन प्लांट साइंस’ में प्रकाशित
हुए हैं.