झांसा देकर बाहर बेची जा रही हैं झारखंडी बालाऐं

झारखंड ( रांची ) : झारखंड में इधर कुछ दिनों से छोटे-छोटे बच्‍चों को
राज्‍य से बाहर ले जाकर बेच देने जैसी घटना बढ़ गयी है. बच्‍चों को काम का
झांसा देकर दिल्‍ली, हरियाणा, मुंबई जैसे बडे शहरों में जोखिम भरे काम
कराये जा रहे हैं. जहां इनकी हर तरह से शोषण हो रही है.

25 मार्च की घटना है, दिल्‍ली के डॉक्‍टर दंपती ने झारखंड की एक 13 साल
की नाबालिग लडकी को अपने फ्लैट में बंद कर थाईलैंड में छुट्टियां मनाने चले
गये थे. बच्‍ची डॉ दंपती के घर में नौकरानी का काम करती थी.

बच्‍ची ने बताया कि होश आने पर अपने को कमरे में बंद पाया. उसके हल्‍ला
करने पर आस पडोस के लोगों ने उसे बाहर निकाला. लडकी को 29 मार्च को छुडाया
गया. बच्‍ची को फिलहाल बाल कल्‍याण समिति में रखा गया है. और उक्‍त दंपती
को दिल्‍ली आने के बाद तुरंत पुलिस हिरासत में ले लिया गया.

झारखंड से दिल्ली-मुंबई-कोलकाता हर रोज बच्चियां गरीबी मिटाने के लिए
निकलती हैं या निकाली जाती हैं और उनका भी ऐसा ही हश्र होता है. ऐसी ही एक
बेटी है कविता.

झारखंड की रहने वाली कविता के पिता गुजर चुके हैं, मां का पता नहीं है.
सौतेली मां की आंखों में खटकी तो उसने कविता का सौदा कर लिया. पढ़ाने
लिखाने का लालच देकर उसे एक घर में काम पर झोंक दिया गया. इसी तरह से बहुत
सारी झारखंड की बेटियां हैं जो इस बेरहम दुनिया से लड रही हैं.

बाल कल्‍याण के क्षेत्र में काम कर रही संस्‍था एटसेक के मुताबिक अभी भी
झारखंड से 1.23 लाख लडकियां बाहर हैं. और ऐसे बच्‍चे बाहर में नौकरानी का
काम करने के लिए मजबूर हैं.

एटसेक रांची के निदेशक संजय मिश्रा का कहना है कि जब तक सरकार की ओर से
लडकियों कि सुरक्षा का समुचित उपाय नहीं किया जायेगा तब तक झारखंड क्‍या
देश की किसी भी बच्‍चियों को शोषण से नहीं बचाया जा सकता है.

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