भोपाल।
प्रदेश में अवैध खनन के आरोप झेल रही राज्य सरकार ने खान व खनिज नियमों
में कड़े प्रावधान लागू किए हैं। अवैध उत्खनन पर अब 50 हजार रुपए का
जुर्माना और दो साल तक की सजा होगी। सरकार ने अवैध उत्खनन पर पेनाल्टी
(बाजार मूल्य का) 10 गुना और रायल्टी 20 गुना कर दी है। यही नहीं, सरकारी
निर्माण कार्य, बहुमंजिला इमारत बनने के लिए शासकीय ठेकेदारों व बिल्डरों
को गौण खनिज या इसके उत्पाद का उपयोग करने के लिए खनिज लाइसेंस लेना होगा।
राज्य सरकार ने केंद्र के खान एवं खनिज विकास व विनिमयन अधिनियम 1957 के
तहत बने मप्र खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण) नियम 2006 को संशोधित कर
लागू कर दिया है। नए प्रावधानों के तहत अब रेत, मैगनीज तथा कोयला खनिज के
लिए इनकी खदानों से 50 किलोमीटर के दायरे में खनिज व्यापारी लाइसेंस नहीं
दिए जाएंगे। लेकिन रेत खनन के लिए नीलामी से प्राप्त खदानों के ठेकेदार या
मप्र राज्य खनिज निगम द्वारा उनकी खदान से उत्खनन के लिए अधिकृत व्यक्ति,
फर्म अथवा कंपनी पर उनके खदान से 4 किलोमीटर की परिधि में यह नियम लागू
नहीं होगा।
इसके अलावा शासकीय निर्माण व अन्य निर्माण में रेत के उपयोग पर भी नियम
प्रभावशील नहीं होगा। ये नियम घरेलू निर्माण में भी गौण खनिज के उपयोग पर
लागू नहीं होंगे। प्रावधानों के अनुसार शासकीय कार्य अथवा अन्य कार्य के
लिए प्रदान की गई खनिज व्यापारिक लाइसेंस में दर्शाए स्थल से खनिज का
परिवहन नहीं कर सकेगा।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में अवैध उत्खनन की स्थिति
प्रकरण – 575 वसूली – 75.58 लाख रुपए
परिवहन – 4724 वसूली – 6.94 करोड़ रुपए
भंडारण – 163 वसूली – 25.75 लाख रुपए
सरकार को क्या मिला : 1590 लाख टन खनिज खनन किया गया। जिसमें राज्य सरकार
को 2235 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ। इसमें हीरा उत्पादन व उससे मिलने
वाला राजस्व शामिल नहीं है।
ऑन लाइन होगा वाहनों का रजिस्ट्रेशन
खनिज परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन इंटरनेट के
माध्यम से ऑनलाइन किए जाएंगे। परिवहन विभाग का वैध रजिस्ट्रेशन आवेदन के
साथ अपलोड किया जाएगा। रजिस्टर्ड वाहन के मालिक को प्रत्येक फेरे की
जानकारी भी रखनी होगी। जो हर तीसरे माह में संबंधित जिले के कलेक्टर के
समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। यानी लाइसेंसधारी व्यापारी रजिस्टर्ड वाहन से
खनिज का परिवहन करेंगे अथवा करवाएंगे।
चौकियों में होगी जांच
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नए प्रावधानों के मुताबिक अब खनिज के परिवहन की जांच चौकियों में अधिकृत
अधिकारियों के द्वारा की जाएगी। उन्हें यह अधिकार होगा कि वह वाहन को रोक
कर खनिज या उसके उत्पाद का परीक्षण तथा संबंधित दस्तावेजों की जांच कर
सकेंगे।
गौण खनिजों के लिए क्या जरूरी
औद्योगिक उपयोग के लिए : उद्योग विभाग का रजिस्ट्रेशन, उद्योग का स्थान तथा तैयार किए जाने वाले उत्पाद की जानकारी।
शासकीय निर्माण कार्य के लिए : ठेकेदार का रजिस्ट्रेशन, निर्माण एजेंसी का
वर्क आर्डर, निर्माण की अवधि तथा उपयोग किए जाने वाले प्रत्येक गौण खनिज
मात्रा का विवरण।
अवैध उत्खनन पर रोक लगेगी
राज्य सरकार की मंशा प्रदेश में अवैध उत्खनन पर रोक लगाने की है। इसे ध्यान
में रख कर खनिज नियमों में कड़े प्रावधान किए गए हैं। ये नियम लागू होने
के बाद अवैध उत्खनन पर नियंत्रण अवश्य होगा। – एसके मिश्रा, सचिव खनिज
विभाग
प्रदेश में अवैध खनन के आरोप झेल रही राज्य सरकार ने खान व खनिज नियमों
में कड़े प्रावधान लागू किए हैं। अवैध उत्खनन पर अब 50 हजार रुपए का
जुर्माना और दो साल तक की सजा होगी। सरकार ने अवैध उत्खनन पर पेनाल्टी
(बाजार मूल्य का) 10 गुना और रायल्टी 20 गुना कर दी है। यही नहीं, सरकारी
निर्माण कार्य, बहुमंजिला इमारत बनने के लिए शासकीय ठेकेदारों व बिल्डरों
को गौण खनिज या इसके उत्पाद का उपयोग करने के लिए खनिज लाइसेंस लेना होगा।
राज्य सरकार ने केंद्र के खान एवं खनिज विकास व विनिमयन अधिनियम 1957 के
तहत बने मप्र खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण) नियम 2006 को संशोधित कर
लागू कर दिया है। नए प्रावधानों के तहत अब रेत, मैगनीज तथा कोयला खनिज के
लिए इनकी खदानों से 50 किलोमीटर के दायरे में खनिज व्यापारी लाइसेंस नहीं
दिए जाएंगे। लेकिन रेत खनन के लिए नीलामी से प्राप्त खदानों के ठेकेदार या
मप्र राज्य खनिज निगम द्वारा उनकी खदान से उत्खनन के लिए अधिकृत व्यक्ति,
फर्म अथवा कंपनी पर उनके खदान से 4 किलोमीटर की परिधि में यह नियम लागू
नहीं होगा।
इसके अलावा शासकीय निर्माण व अन्य निर्माण में रेत के उपयोग पर भी नियम
प्रभावशील नहीं होगा। ये नियम घरेलू निर्माण में भी गौण खनिज के उपयोग पर
लागू नहीं होंगे। प्रावधानों के अनुसार शासकीय कार्य अथवा अन्य कार्य के
लिए प्रदान की गई खनिज व्यापारिक लाइसेंस में दर्शाए स्थल से खनिज का
परिवहन नहीं कर सकेगा।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में अवैध उत्खनन की स्थिति
प्रकरण – 575 वसूली – 75.58 लाख रुपए
परिवहन – 4724 वसूली – 6.94 करोड़ रुपए
भंडारण – 163 वसूली – 25.75 लाख रुपए
सरकार को क्या मिला : 1590 लाख टन खनिज खनन किया गया। जिसमें राज्य सरकार
को 2235 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ। इसमें हीरा उत्पादन व उससे मिलने
वाला राजस्व शामिल नहीं है।
ऑन लाइन होगा वाहनों का रजिस्ट्रेशन
खनिज परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन इंटरनेट के
माध्यम से ऑनलाइन किए जाएंगे। परिवहन विभाग का वैध रजिस्ट्रेशन आवेदन के
साथ अपलोड किया जाएगा। रजिस्टर्ड वाहन के मालिक को प्रत्येक फेरे की
जानकारी भी रखनी होगी। जो हर तीसरे माह में संबंधित जिले के कलेक्टर के
समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। यानी लाइसेंसधारी व्यापारी रजिस्टर्ड वाहन से
खनिज का परिवहन करेंगे अथवा करवाएंगे।
चौकियों में होगी जांच
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नए प्रावधानों के मुताबिक अब खनिज के परिवहन की जांच चौकियों में अधिकृत
अधिकारियों के द्वारा की जाएगी। उन्हें यह अधिकार होगा कि वह वाहन को रोक
कर खनिज या उसके उत्पाद का परीक्षण तथा संबंधित दस्तावेजों की जांच कर
सकेंगे।
गौण खनिजों के लिए क्या जरूरी
औद्योगिक उपयोग के लिए : उद्योग विभाग का रजिस्ट्रेशन, उद्योग का स्थान तथा तैयार किए जाने वाले उत्पाद की जानकारी।
शासकीय निर्माण कार्य के लिए : ठेकेदार का रजिस्ट्रेशन, निर्माण एजेंसी का
वर्क आर्डर, निर्माण की अवधि तथा उपयोग किए जाने वाले प्रत्येक गौण खनिज
मात्रा का विवरण।
अवैध उत्खनन पर रोक लगेगी
राज्य सरकार की मंशा प्रदेश में अवैध उत्खनन पर रोक लगाने की है। इसे ध्यान
में रख कर खनिज नियमों में कड़े प्रावधान किए गए हैं। ये नियम लागू होने
के बाद अवैध उत्खनन पर नियंत्रण अवश्य होगा। – एसके मिश्रा, सचिव खनिज
विभाग