नयी दिल्ली : कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति संतोष हेगडे ने
हजारे पक्ष के साथ किसी भी तरह के मनमुटाव की अटकलों को सिरे से खारिज करते
हुए कहा है कि वह गांधीवादी अन्ना हजारे के साथ हैं और यही जताने के लिए
आज वह मंच पर मौजूद हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिना राजनीतिक समर्थन
के खनन माफ़िया काम नहीं कर सकता.
हेगडे पहले हजारे पक्ष की कुछ बैठकों में शामिल नहीं हुए थे और ऐसे में
ऐसी अटकलें थीं कि वह टीम अन्ना से अलग हो चुके हैं. जंतर-मंतर पर अन्ना के
एक दिन के अनशन में शामिल हुए हेगडे ने कहा, ‘‘मैं अन्ना हजारे के साथ हूं
और यही दिखाने के लिए यहां आया हूं. मैं पहले के कुछ कार्यक्रमों में
शामिल नहीं हो पाया था क्योंकि बेंगलूर में रहता हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे यहां आने की दो और वजहें हैं – भ्रष्टाचार की
लड़ाई में शहीद हुए लोगों के परिजनों के साथ खड़ा होना और खनन माफ़िया के
खिलाफ़ अपने अनुभव कहना.’’
कर्नाटक में अवैध खनन के मामले का उल्लेख करते हुए हेगडे ने कहा, ‘‘अवैध
खनन राजनीतिक समर्थन के बगैर संभव नहीं है. मैंने लोकायुक्त के तौर पर चार
साल तक अवैध खनन के मामले की जांच की. मैंने 26 हजार पेज की रिपोर्ट तैयार
की और दिखाया कि इसमें तीन मुख्यमंत्री, पांच मंत्री और 797 अधिकारियों के
अलावा कंपनियां एवं माफ़िया लिप्त हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जांच में पाया कि किस तरह से माफ़िया काम करते
हैं. यह बात सही है कि बिना राजनीतिक समर्थन के माफ़िया काम नहीं कर
सकता.’’
उल्लेखनीय है कि अवैध खनन के मामले पर हेगडे की रिपोर्ट के आधार पर ही
भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को कुर्सी छोड़नी पडी थी.
उनकी रिपोर्ट में राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों एच डी कुमारस्वामी और
एस एम कृष्णा का भी जिक्र था.
हेगडे ने कहा कि वह ही एकमात्र उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं जो 72 साल की उम्र में यहां मौजूद हैं.