नई दिल्ली. लोगों
की जीवन जीने का पाठ बढ़ाने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर अपने
बयान से विवादों में घिर गए हैं। ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक रविशंकर
ने जयपुर में एक समारोह में कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे
ही नक्सली बनते हैं।
श्री श्री के इस बयान पर सियासत तेज हो गई
है। केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर मानसिक
संतुलन खो चुके हैं। भाजपा ने भी श्री श्री के बयान की आलोचना की है।
बीजेपी प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘गरीब बच्चे सरकारी स्कूल
में ही पढ़ते हैं। सरकारी स्कूल देश की नींव हैं। इन स्कूलों के बारे में
ऐसे बयान निंदनीय हैं।’
रविशंकर के इस बयान की कई हस्तियों ने भी
आलोचना की है। शिक्षाविद् अनिल सद्गोपाल ने श्री श्री के बयान को निराधार
बताया है। उन्होंने कहा है कि नक्सलवाद और हिंसा भेदभाव और गैरबराबरी के
चलते फैलती है। हिंसा फैलाने और नक्सली बनाने का काम निजी स्कूल करते हैं
जबकि सरकारी स्कूल समाज में बराबरी को बढ़ावा दते हैं। दुनिया के इतिहास
में कोई उदाहरण नहीं है कि सरकारी स्कूलों में संस्कार पर जोर नहीं दिया
जाता है। यह शिक्षा पर नव उदारवादी हमला है।
की जीवन जीने का पाठ बढ़ाने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर अपने
बयान से विवादों में घिर गए हैं। ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक रविशंकर
ने जयपुर में एक समारोह में कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे
ही नक्सली बनते हैं।
श्री श्री के इस बयान पर सियासत तेज हो गई
है। केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर मानसिक
संतुलन खो चुके हैं। भाजपा ने भी श्री श्री के बयान की आलोचना की है।
बीजेपी प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘गरीब बच्चे सरकारी स्कूल
में ही पढ़ते हैं। सरकारी स्कूल देश की नींव हैं। इन स्कूलों के बारे में
ऐसे बयान निंदनीय हैं।’
रविशंकर के इस बयान की कई हस्तियों ने भी
आलोचना की है। शिक्षाविद् अनिल सद्गोपाल ने श्री श्री के बयान को निराधार
बताया है। उन्होंने कहा है कि नक्सलवाद और हिंसा भेदभाव और गैरबराबरी के
चलते फैलती है। हिंसा फैलाने और नक्सली बनाने का काम निजी स्कूल करते हैं
जबकि सरकारी स्कूल समाज में बराबरी को बढ़ावा दते हैं। दुनिया के इतिहास
में कोई उदाहरण नहीं है कि सरकारी स्कूलों में संस्कार पर जोर नहीं दिया
जाता है। यह शिक्षा पर नव उदारवादी हमला है।