पटना। जदयू
के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की नजर सब्जीबाग स्थित बिड़ला मंदिर के बगल
स्थित साढ़े 27 कट्ठे के सिल्वन हाउस पर है। यह आरोप सिल्वन हाउस में रह
रहे लगभग 25 परिवार लगा रहे हैं। मंगलवार को लगभग छह बड़ी गाड़ियों और
आठ-दस मोटरसाइकिल पर 50 से अधिक लोग जमीन खाली कराने पहुंचे।
प्रत्यक्षदर्शियों
के अनुसार उनलोगों ने सिल्वन हाउस के लोगों के साथ मारपीट भी की। ग्रिल
में ताले लगाएं और जमीन खाली करने की धमक दी। इसके बाद गुस्साए लोगों ने
बिड़ला मंदिर रोड जाम कर दी।
होली से पहले खुद आये थे अनंत सिंह
होली
के पहले चार मार्च को भी जमीन खाली करने का अल्टीमेटम सिल्वन हाउस के
लोगों को मिला है। पीड़ित प्रेम कुमार यादव बताते हैं कि उस वक्त विधायक
अनंत सिंह खुद आए थे। इसके बाद वहां के लोगों ने इसकी शिकायत पीरबहोर थाना
प्रभारी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक से की। उन्होंने शिकायत की
प्रति मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी तक सौंपी। पांच मार्च को बाहुबली विधायक
की धमकी और जमीन हड़पने के प्रयास का मामला बिहार विधान परिषद में विपक्ष
के नेता गुलाम गौस ने उठाया था।
सिल्वन हाउस का इतिहास और न्यायालय
सिल्वन
हाउस के मालिक केदार नाथ बनर्जी (केडी बनर्जी) ने वसीयत द्वारा अपनी
संपत्ति अपने इष्ट गुरु ग्रंथ साहिब तथा गुरु बाबा ठाकुर दास जी (महंथ,
धनिया पहाड़ी मठ, गया) के नाम कर दिया था। बाद में वसीयत के आधार पर
संपत्ति को धार्मिक न्यास बोर्ड में निबंधित कराया गया। वसीयत के अनुसार इस
संपत्ति को बेचा नहीं जा सकता था। लेकिन केडी बनर्जी के रिश्तेदारों ने इस
संपत्ति को हड़पने का प्रयास किया। इसके खिलाफ व्यवहार न्यायालय ने एक
अगस्त 1997 को सिल्वन हाउस के लोगों के पक्ष में निषेधाज्ञा का आदेश दिया।
पुलिस से नहीं मिला सहयोग
पीड़ित
परिवारों का आरोप है कि पुलिस मामले की लीपा-पोती कर रही है। उन्होंने कहा
कि मंगलवार को जमीन खाली कराने के लिए हुई मारपीट की एफआईआर भी पुलिस नहीं
लिखना चाहती। पीड़ित परिवारों ने इस संबंध में डीजीपी से गुहार लगाई है।
अपार्टमेंट बनाना चाहते हैं बाहुबली विधायक
केडी
बनर्जी के रिश्तेदार त्रिदिप बनर्जी और अर्धेंदु शेखर बंदोपाध्याय द्वारा
जमीन अनंत सिंह को सौंपने की बात कही जा रही है। पीड़ितों की मानें तो
विधायक सिल्वन हाउस की जमीन पर अपार्टमेंट बनाना चाहते हैं।