बजट 2012-13 में छात्रों को लोन के लिए क्रेडिट गारंटी फंड का प्रावधान है। मिड डे मील के लिए 11937 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जबकि गांवों में छह हजार स्कूल खोलने की योजना है।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़े ऐलान-
-25,555 करोड़ रुपये सर्वशिक्षा अभियान के लिए।
-राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान हेतु 3,124 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।
-एजुकेशन लोन गारंटी निधि स्थापित करने का प्रस्ताव।
-11 हजार 937 करोड़ मिड-डे मील पर खर्च किए जाएंगे।
-7 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे।
-सर्वशिक्षा अभियान पर आवंटन 21.7 फीसदी बढ़ कर 25,555 करोड़ रुपये हुआ
-राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए आवंटन में 29 फीसदी की बढ़ोतरी
-पीपीपी के आधार पर 2500 स्कूल खोलने की महत्वाकांक्षी योजना
‘दैनिक भास्कर’ ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए कुछ अन्य प्रस्ताव किए जा सकते थे। सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर भी जोर दिया जाना चाहिए था। उनका मानना है कि शिक्षा पर कुल जीडीपी का 6 फीसदी खर्च करने का लक्ष्य अभी काफी दूर है।
उधर, दैनिक भास्कर ने वित्त मंत्री की ओर से शिक्षा क्षेत्रमें की गई घोषणाओं के बारे में जानकारी देते हुए इसका विश्लेषण किया। वहीं इसके कई अन्य पहलूओंपर भी चर्चा की है।
एनसीईआरटी के पूर्व चेयरमैन जे. एस. राजपूत कहते हैं कि हर सरकार कुल जीडीपी का 6 फीसदी शिक्षा पर खर्च करने का लक्ष्य रखती है, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाता। इस बार के बजट में किए गए प्रस्तावों से यह लक्ष्य अभी कोसों दूर है। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए किसी तरह का बढिय़ा प्रस्ताव भी इस बजट से नहीं दिखता। कह सकते हैं कि शिक्षा को उम्मीद से कममिला।
लगभग यही राय ‘जी न्यूज’ की भी है। इसने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि सरकार ने एजुकेशन के लिए कुछ खास नहीं किया है। हालांकि ‘एजुकेशन टाइम्स’ की नजर में इस बार के बजट में एजुकेशन सेक्टर के लिए कुछ अच्छा भी है। क्योंकि उच्च शिक्षा के लिए काफी रकम की व्यवस्था करने का प्रस्ताव है वहीं स्कूली एजुकेशन को सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं रखा गया है।
सर्व शिक्षा अभियान के लिए आवंटन को वित्त वर्ष 2012-13 में चालू वित्त वर्ष के मुकाबले 21.7 फीसदी बढ़ाकर 25,555 करोड़ रुपये करने और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए बजट आवंटन को 29 फीसदी बढ़ाकर 3,124 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव बजट में रखा गया है।
‘इकोनॉमिक टाइम्स’ ने एचसीएल के प्रमुख शिव नादर के हवाले से कहा है कि वित्त मंत्री ने शिक्षा पर संतुलित बजट पेश किया है। वहीं मनी कंट्रोल का कहना है कि इस बार के बजट से स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स खुश जरूर होंगे। क्योंकि प्री स्कूल और हाई स्कूल को सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है।
बिजनेसटुडे के मुताबिक ब्लॉक स्तर पर 6,000 मॉडल स्तर के स्कूलों की स्थापना, जिसमें से 2500 की स्थापना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर करने का प्रस्ताव बजट में रखा गया है, यह अच्छा कदम है। यूजीसी के पूर्व चेयरमैन सुखदेव थोराट के मुताबिक काबिल छात्रों को आसानी से एजुकेशन लोन उपलब्ध कराने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना का प्रस्ताव एक बढिय़ा कदम है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने राइट टू एजुकेशन फंड में 21 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी को स्वागत योग्य कदम करार दिया है। अखबार ने इस तथ्य को भी प्रमुखता से जगह दी है कि देश में नए आईआईएम और आईआईटी खोलने के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट और शिक्षाविद् डॉ. बी एम हेगड़े ने इस बजट को ‘कॉरपोरेट सेक्टर’ का बजटकरार दिया है क्योंकि इसमें गरीब लोगों के लिए कुछ भी नहीं है।