नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी) मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए ‘बड़ा आंदोलन’
छेड़ने की धमकी देते हुए गांधीवादी समाज सेवक अन्ना हजारे ने आज कहा कि अगर
सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून नहीं बनाती तो उसे जाना
होगा।
अन्ना ने कहा कि वह वर्ष 2014 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों तक
मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन करेंगे और अगर तब तक कानून नहीं बनाया
जाता तो वह चुनावों की घोषणा के तत्काल बाद रामलीला मैदान में धरने पर बैठ
जाएंगे।
उन्होंने कल यहां ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा ‘‘उन्हें
:सरकार को: यह कानून लाना होगा या फिर उन्हें जाना होगा। हम बड़ा आंदोलन
आयोजित करेंगे।’’
‘यह दिल मांगे नो मोर करप्शन’ सत्र में उन्होंने कहा
कि अगर लोकपाल विधेयक संसद में पारित हो गया होता तो संप्रग सरकार के आधे
से अधिक मंत्री जेल में होते।
अन्ना ने कहा कि वर्तमान कानून इतना
मजबूत नहीं है कि भ्रष्टाचार करने वाले को जेल भेजा जा सके। उन्होंने आरोप
लगाया कि सरकार इसलिए कानून नहीं ला रही है क्योंकि उसे लगता है कि वर्तमान
परिदृश्य में यह काम नहीं कर सकता।
74 वर्षीय गांधीवादी ने कहा कि
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न मुद्दों पर सूचना मिलती है लेकिन
इसके पास लोगों को जेल भेजने का अधिकार नहीं है जिसकी वजह से भ्रष्टाचार
विरोधी एक कारगर कानून की जरूरत को बल मिलता है।अन्ना ने कहा ‘‘आरटीआई के तहत हमें भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी मिलती
है। कई दस्तावेज बाहर आए हैं। हमें आदर्श सोसायटी घोटाले और सुरेश कलमाड़ी
के घोटाले के बारे में पता चला। लेकिन आरटीआई अधिनियम लोगों को जेल नहीं
भेज सकता। इसके लिए हमें मजबूत लोकपाल की जरूरत है।’’
मुंबई में अन्ना
ने जो आंदोलन किया था उसका अधिक प्रभाव न पड़ने के बारे में पूछे गए एक सवाल
पर समाज सेवक ने आरोप लगाया कि कुछ तत्व उनकी टीम में मतभेद पैदा करने और
आंदोलन को कमजोर करने का काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा ‘‘मेरे आंदोलन के
दौरान धूप से बचने के लिए कुछ लोग छाया में भी बैठे थे। अखबारों में
तस्वीरें भी छपी हैं। उन्हें देखिये। बड़ी संख्या में लोग थे। यह कहना सही
नहीं है कि लोग कम थे।’’
संप्रग सरकार में मौजूद ‘‘अच्छे लोगों’’ का
नाम पूछने पर उन्होंने कहा कि वह लोगों के नाम नहीं लेंगे क्योंकि इससे उन
लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी और जिनका नाम वह नहीं लेंगे उन्हें
अच्छा नहीं लगेगा।’’
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी पर भ्रष्टाचार के
आरोप हैं। इस बारे में गांधीवादी समाज सेवक ने कहा कि उन्होंने अपने लिए या
अपने परिवार के लिए यात्रा भत्ता बढ़ा चढ़ा कर नहीं बताया।
उन्होंने कहा ‘‘जो कुछ उन्होंने किया, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने यह समाज के भले के लिए किया।’’
छेड़ने की धमकी देते हुए गांधीवादी समाज सेवक अन्ना हजारे ने आज कहा कि अगर
सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून नहीं बनाती तो उसे जाना
होगा।
अन्ना ने कहा कि वह वर्ष 2014 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों तक
मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन करेंगे और अगर तब तक कानून नहीं बनाया
जाता तो वह चुनावों की घोषणा के तत्काल बाद रामलीला मैदान में धरने पर बैठ
जाएंगे।
उन्होंने कल यहां ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा ‘‘उन्हें
:सरकार को: यह कानून लाना होगा या फिर उन्हें जाना होगा। हम बड़ा आंदोलन
आयोजित करेंगे।’’
‘यह दिल मांगे नो मोर करप्शन’ सत्र में उन्होंने कहा
कि अगर लोकपाल विधेयक संसद में पारित हो गया होता तो संप्रग सरकार के आधे
से अधिक मंत्री जेल में होते।
अन्ना ने कहा कि वर्तमान कानून इतना
मजबूत नहीं है कि भ्रष्टाचार करने वाले को जेल भेजा जा सके। उन्होंने आरोप
लगाया कि सरकार इसलिए कानून नहीं ला रही है क्योंकि उसे लगता है कि वर्तमान
परिदृश्य में यह काम नहीं कर सकता।
74 वर्षीय गांधीवादी ने कहा कि
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न मुद्दों पर सूचना मिलती है लेकिन
इसके पास लोगों को जेल भेजने का अधिकार नहीं है जिसकी वजह से भ्रष्टाचार
विरोधी एक कारगर कानून की जरूरत को बल मिलता है।अन्ना ने कहा ‘‘आरटीआई के तहत हमें भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी मिलती
है। कई दस्तावेज बाहर आए हैं। हमें आदर्श सोसायटी घोटाले और सुरेश कलमाड़ी
के घोटाले के बारे में पता चला। लेकिन आरटीआई अधिनियम लोगों को जेल नहीं
भेज सकता। इसके लिए हमें मजबूत लोकपाल की जरूरत है।’’
मुंबई में अन्ना
ने जो आंदोलन किया था उसका अधिक प्रभाव न पड़ने के बारे में पूछे गए एक सवाल
पर समाज सेवक ने आरोप लगाया कि कुछ तत्व उनकी टीम में मतभेद पैदा करने और
आंदोलन को कमजोर करने का काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा ‘‘मेरे आंदोलन के
दौरान धूप से बचने के लिए कुछ लोग छाया में भी बैठे थे। अखबारों में
तस्वीरें भी छपी हैं। उन्हें देखिये। बड़ी संख्या में लोग थे। यह कहना सही
नहीं है कि लोग कम थे।’’
संप्रग सरकार में मौजूद ‘‘अच्छे लोगों’’ का
नाम पूछने पर उन्होंने कहा कि वह लोगों के नाम नहीं लेंगे क्योंकि इससे उन
लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी और जिनका नाम वह नहीं लेंगे उन्हें
अच्छा नहीं लगेगा।’’
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी पर भ्रष्टाचार के
आरोप हैं। इस बारे में गांधीवादी समाज सेवक ने कहा कि उन्होंने अपने लिए या
अपने परिवार के लिए यात्रा भत्ता बढ़ा चढ़ा कर नहीं बताया।
उन्होंने कहा ‘‘जो कुछ उन्होंने किया, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने यह समाज के भले के लिए किया।’’