बुनकरों के लिए 3884 करोड़ की ऋण माफी

सरकार ने हथकरघा बुनकरों और उनकी सहकारी समितियों को 3884 करोड़ रुपये की ऋण माफी का तोहफा देते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र में जियो टेक्सटाइल के संवर्धन के लिए 500 करोड़ रुपये की पायलट योजना शुरू करने की घोषणा की है।

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2012-13 के लिए आम बजट पेश करते हुए बुनकरों के लिए 3884 करोड़ रुपये की ऋण माफी सहित वस्त्र उद्योग को अनेक तरह की छूट के प्रस्ताव रखे है।

सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में जियो टेक्सटाइल के संवर्धन के लिए 500 करोड़ रुपये की पायलट योजना शुरू करेगी। साथ ही मिजोरम, नागालैंड और झारखंड में बुनकर सेवा केंद्र स्थापित करेगी।

मुखर्जी ने आंध्र प्रदेश के प्रकाशम और गुंटुर जिलों तथा झारखंड के गोड्डा एवं पास के जिलों में मेगा हैंडलूम कलस्टर स्थापित करने की भी घोषणा की। जिस पर 70 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। उन्होंने स्वचालित शटल-रहित करघों को पांच प्रतिशत के बुनियादी सीमा-शुल्क से पूर्ण छूट देने का प्रस्ताव किया। स्वचालित रेशम चरखी।

प्रसंस्करण मशीनरी और इनके पुर्जों को भी बुनियादी शुल्क से मुक्त करने की घोषणा की गई। हालांकि उन्होंने पांच प्रतिशत की बुनियादी सीमा-शुल्क की इस छूट और मौजूदा रियायती दर को केवल नई टेक्सटाइल मशीनरी तक सीमित रखा है।

वित्त मंत्री ने सेकंड हैंड मशीनरी के लिए 7.5 प्रतिशत के बुनियादी शुल्क का भी प्रस्ताव किया। वस्त्र उद्योग के मामले में अपशिष्ट ऊन और ऊन टॉप पर बुनियादी सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है।

टिटेनियम डाईऑक्साइड पर बुनियादी सीमा शुल्क को भी 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत किया गया है। सरकार ने बुलेट प्रूफ हेलमेटों के उत्पादन में प्रयुक्त आरामिड यार्न और फैब्रिक को बुनियादी सीमा-शुल्क से पूरी छूट दी है।

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