नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी) उच्चतम न्यायालय ने आज उस याचिका पर केंद्र ,
राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से जवाब मांगा जिसमें आरोप लगाया गया है कि
2008 और 2011 के बीच एक लाख से अधिक बच्चे अपने घरों से रहस्यमय ढंग से
लापता हो गए ।
न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एसएस निज्जर की पीठ ने गैर
सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की जनहित याचिका पर अटॉर्नी जनरल जीई
वाहनवती से भी जवाब मांगा ।की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का और अधिवक्ता भुवन रिभु ने
पीठ को बताया कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार करीब 1.17 लाख बच्चे लापता हैं
और माना जाता है कि भीख, वेश्यावृत्ति तथा बाल मजदूरी के लिए इनकी तस्करी
की गई है ।
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से हर रोज औसतन 11
बच्चों के लापता होने की खबर मिलती है और पुलिस ज्यादातर मामलों में
प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर देती है ।
राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से जवाब मांगा जिसमें आरोप लगाया गया है कि
2008 और 2011 के बीच एक लाख से अधिक बच्चे अपने घरों से रहस्यमय ढंग से
लापता हो गए ।
न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एसएस निज्जर की पीठ ने गैर
सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की जनहित याचिका पर अटॉर्नी जनरल जीई
वाहनवती से भी जवाब मांगा ।की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का और अधिवक्ता भुवन रिभु ने
पीठ को बताया कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार करीब 1.17 लाख बच्चे लापता हैं
और माना जाता है कि भीख, वेश्यावृत्ति तथा बाल मजदूरी के लिए इनकी तस्करी
की गई है ।
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से हर रोज औसतन 11
बच्चों के लापता होने की खबर मिलती है और पुलिस ज्यादातर मामलों में
प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर देती है ।