वाशिगटन। विश्व बैंक ने भारत को गरीबी से लड़ने में मदद के लिए एक अनूठी
एवं लचीली वित्तीय व्यवस्था के तहत 4.3 अरब डालर की सहायता देने की घोषणा
की है।
यह व्यवस्था इस तरह से डिजाइन की गई है कि पुनर्गठन व विकास के लिए
अंतरराष्ट्रीय बैंक [आईबीआरडी] का शुद्ध ऋण 17.5 अरब डालर की सीमा के भीतर
रहे। विश्व बैंक ने उधारी देने के लिए आईबीआरडी की स्थापना की है। विश्व
बैंक ने एक बयान में कहा कि नई व्यवस्था के तहत विश्व बैंक द्वारा विशेष
बाड जारी किए जाएंगे जिन्हे भारत अतिरिक्त नियोजित उधारी की भरपाई के लिए
खरीदेगा।
इस तरह से भारत को अपने लोगों का जीवन स्तर सुधारने के उद्देश्य से
आईबीआरडी से विकास परियोजनाओं के लिए कम ब्याज दर पर लंबी अवधि का ऋण मिलना
जारी रहेगा। विश्व बैंक के उपाध्यक्ष [दक्षिण एशिया] इसाबेल गुएरेरो ने
कहा कि इस कार्रवाई के बगैर विश्व बैंक के लिए भारत की मदद करना मुश्किल
होता क्योंकि भारत करीब 30 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर उठाने की
बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।