हिम्मत दिखाई तो चली गई नरेंद्र की जान : अनिल तोमर की रिपोर्ट

मुरैना.
2009 बैच के आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार मुरैना जिले के बामौर कस्बे में
एसडीओपी पद पर पिछले महीने ही आए थे। नरेंद्र कुमार ने यहां आते ही  पत्थर
के अवैध उत्खनन के खिलफ मुहिम छेड़ दी थी।

गुरुवार को भी उन्होंने बामौर से चंद किलोमीटर दूर बानमोर गांव में एक
ट्रैक्टर को रोका था। वो अवैध उत्खनन किए गए पत्थर से भरी ट्रैक्टर ट्राली
को अपने आगे लेकर थाने आ रहे  के कि बामौर के पास ट्रैक्टर ड्राइवर ने
भागने की कोशिश की। उसने उनकी जिप्सी को टक्कर मारते हुए ट्रैक्टर एक
पगडंडी पर दौड़ा दिया।


नरेंद्र कुमार के साथ गनर और ड्राइवर भी मौजूद था लेकिन वो खुद ही
रिवॉल्वर निकालकर ट्रैक्टर के आगे आ गए और ड्राईवर से रूकने के लिए कहा। यह
देख ड्राईवर चिल्लाने लगा कि मर जाउंगा या मार दूंगा लेकिन ट्रैक्टर नहीं
रोकूंगा। जब उन्होंने ट्रैक्टर पर चढ़कर उसे रोकने की कोशिश की तो ड्राइवर
ने उन पर पहिया चढ़ा दिया जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए। नरेंद्र कुमार
को इलाज के लिए ग्वालियर ले जाया जा रहा था लेकिन उनकी रास्ते में ही मौत
हो गई।


मुरैना जिले के इस इलाके में यह किसी अधिकारी पर पहला हमला नहीं है।
इससे पहले साल 2007 में तत्कालीन जिलाधिकारी आकाश त्रिपाठी और पुलिस
अधीक्षक हरि सिंह यादव पर भी अवैध खनन माफिया ने हमला किया था। उस वक्त हुई
गोलीबारी में ये अधिकारी बाल-बाल बच गए थे।




गर्भवती है नरेंद्र कुमार की पत्नी


अवैध खनन माफिया का
शिकार बने नरेंद्र कुमार की पत्नी मधुरानी भी आईएएस अधिकारी हैं। वो
ग्वालियर में तैनात हैं। नरेंद्र की पत्नी मधुरानी गर्भवती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *