दलित बस्ती में पसरा सन्नाटा- मोहनलाल शर्मा की रिपोर्ट(बीबीसी)

सीतापुर।
क्या उत्तर प्रदेश में जिसका डर था वही हो राह है। कहा जा रहा था कि सपा
शासन आने से राज्य में गुंडाराज आएगा। पिछले दो दिनों में जिस तरह की
घटनाएं हुईं हैं उनसे तो ऐसा ही लग रहा है कि राज्य में गुंडाराज शुरु हो
गया है।




आगरा के नजदीक बाह में एक बसपा सरपंच के पति की हत्या हो गई। पीड़ित पक्ष
का आरोप है कि सरपंच के पति की हत्या बसपा उम्मीदवार के लिए प्रचार करने के
कारण की गई।




वहीं जिला अंबेडकर नगरमें बसपा सरकार में मंत्री रहे एक नेता की फैक्ट्री
में आग लगाए जाने की खबर है। यहां भी आरोप समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर
लगा है लेकिन इस मामले में अंबेडकरनगर के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि
होली पर शराब पीकर डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में झगड़ा हो गया। दोनों
ही दलित समुदाय है के हैं और बसपा से संबंध रखते हैं।




उत्तर प्रदेश के बलिया में भी सपा कार्यकर्ताओं पर वोट न देने पर दलितों के
घरों में आग लगाने का आरोप लगा है। बलिया के भोज छपरा गांव के दलित
महिलाओं को मारपीट की घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिलाओं
का आरोप है कि वोट न देने से गुस्साए सपा कार्यकर्ताओं न सिर्फ इनके साथ
मरापीट की बल्कि इनके घरों को भी आग के हवाले कर दिया। बलिया जिले की घटना
में तीन महिलाएं और दो बच्चे घायल हो गए हैं।




वहीं जिला संतरविदास नगर के भदौही के एक गांव में उस दलित परिवार की झोपड़ी
जला दी गई जिसने राहुल गांधी को खाना खिलाया था। इस घटना के लिए भी आरोप
सपा कार्यकर्ताओं पर ही लगा है।




वहीं नए बने जिले पंचशीलनगर के गढ़मुक्तेश्वर से अंबेडकर प्रतिमा को नुकसान
पहुंचाए जाने की भी खबर है। पंचशीलनगर के पुलिस अधीक्षक के मुताबिक
अंबेडकर प्रतिमा का चश्मा क्षतिग्रस्त पाया गया जिसे सही करा दिया गया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच
शुरु कर दी गई है।




गौरतलब है कि बुधवार को सीतापुर के रउसा थाने के बम्भिया गांव में सपा
कार्यकर्ताओं ने करीब दर्जन भर घरों में आग लगा दी। इस घटना में कई लोग
घायल भी हुए हैं। सेवता सीट से सपा प्रत्याशी महेंद्र कुमार सिंह की जीत
हुई है। आरोप है कि पीड़ित पक्ष ने निर्दलीय उम्मीदवार शिव कुमार गुप्ता को
वोट दिया था। चुनाव नतीजों के बाद सपा समर्थकों ने वोट ने देने पर पीड़ित
पक्ष के घरों में आग लगा दी।




हालांकि इस मामले में जिला पुलिस का कहना है कि घटना का चुनाव नतीजों से/> कुछ लेना देना नहीं है। दैनिक भास्कर डॉट काम से बातचीत में सीतापुर के अपर
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बम्भिया गांव में बुधवार को हुई हिंसा के संबंध
में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों का कोई
राजनीतिक संबंध नहीं है।




पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गांव में ठाकुर समाज को कुछ लोगों ने चौहान सामज
के कुछ परिवारों को अपनी जमीन में झोपड़ियां बनाने दी थीं। अब उन्होंने वो
जगह खाली कराई तो विवाद हो गया। दो गुटों में पत्थरबाजी हुई जिसमें तीन
लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।




रउसा थाने के एसएचओ ने बताया कि जमीनी विवाद में हिंसा हुई है जिसे
राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जा रही है। एसएचओ के मुताबिक बुधवार को हुई
घटना में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति
समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं। जबकि इस मामले में पीड़ित पक्ष का
कहना है कि वोट न देने पर सपा की सरकार आने के बाद उन्हें निशाना बनाया गया
है।




प्रदेश भर से आ रही हिंसा की खबरों के बाद गुरुवार को सैफई में होली समारोह
के दौरान मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं से अनुशासित रहने की अपील की।

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