शिमला.
प्रदेश सरकार ने खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम की सब्सिडी पर रोक लगा दी
है। निगम को यह सब्सिडी दालों, चावल, नमक और रिफाइंड और मस्टर्ड तेल के लिए
दी जाती है। दिसंबर से लेकर अब तक सरकार ने सब्सिडी नहीं जारी नहीं की है।
सब्सिडी की यह राशि 30 करोड़ रुपए बनती है। इसे देखते हुए अब यह मामला
आगामी कैबिनेट की बैठक में ले जाया जा रहा है। निगम का कहना है कि राशि
जारी न किए जाने से लोगों को सस्ती खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराया जाना
मुश्किल हो जाएगा।
मिट्टी तेल और गेंहू, चावल देता है केंद्र: केंद्र सरकार प्रदेश के लिए
मिट्टी तेल, गेंहू और चावल की सप्लाई देता है, जबकि अन्य खाद्य वस्तुएं
प्रदेश सरकार जनता को उपलब्ध कराती है। खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम इन
खाद्य वस्तुओं की खरीद करता है।
कंपनी को राशन की सप्लाई के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाते हैं। निगम का
मानना है कि यह पहली बार हुआ है कि जब प्रदेश सरकार ने करोड़ों की राशि
रोकी है।
लोगों को अभी से हो रही परेशानी
हिमाचल प्रदेश के 16 लाख उपभोक्ताओं को समय पर राशन उपलब्ध न होने का यह भी
एक कारण है। डिपो में कभी उपभोक्ताओं को तेल नहीं मिलता तो कभी दालों की
सप्लाई रुक जाती है। प्रदेश में पिछले पांच महीने से व्यवस्था पटरी पर नहीं
आ रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
सरकार के ध्यान में मामला : धवाला
प्रदेश खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री रमेश धवाला ने माना कि निगम की
प्रदेश के पास 30 करोड़ रुपए की सब्सिडी बनती है। यह राशि दिसंबर से लेकर
अब तक की है। मामला सरकार के ध्यान में है। आगामी कैबिनेट की बैठक में इस
प्रस्ताव को लाया जा रहा है। बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा होगी। जल्द ही
कोई हल निकाला जाएगा। कोशिश रहेगी कि लोगों को कोई परेशानी न हो।
प्रदेश सरकार ने खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम की सब्सिडी पर रोक लगा दी
है। निगम को यह सब्सिडी दालों, चावल, नमक और रिफाइंड और मस्टर्ड तेल के लिए
दी जाती है। दिसंबर से लेकर अब तक सरकार ने सब्सिडी नहीं जारी नहीं की है।
सब्सिडी की यह राशि 30 करोड़ रुपए बनती है। इसे देखते हुए अब यह मामला
आगामी कैबिनेट की बैठक में ले जाया जा रहा है। निगम का कहना है कि राशि
जारी न किए जाने से लोगों को सस्ती खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराया जाना
मुश्किल हो जाएगा।
मिट्टी तेल और गेंहू, चावल देता है केंद्र: केंद्र सरकार प्रदेश के लिए
मिट्टी तेल, गेंहू और चावल की सप्लाई देता है, जबकि अन्य खाद्य वस्तुएं
प्रदेश सरकार जनता को उपलब्ध कराती है। खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम इन
खाद्य वस्तुओं की खरीद करता है।
कंपनी को राशन की सप्लाई के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाते हैं। निगम का
मानना है कि यह पहली बार हुआ है कि जब प्रदेश सरकार ने करोड़ों की राशि
रोकी है।
लोगों को अभी से हो रही परेशानी
हिमाचल प्रदेश के 16 लाख उपभोक्ताओं को समय पर राशन उपलब्ध न होने का यह भी
एक कारण है। डिपो में कभी उपभोक्ताओं को तेल नहीं मिलता तो कभी दालों की
सप्लाई रुक जाती है। प्रदेश में पिछले पांच महीने से व्यवस्था पटरी पर नहीं
आ रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
सरकार के ध्यान में मामला : धवाला
प्रदेश खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री रमेश धवाला ने माना कि निगम की
प्रदेश के पास 30 करोड़ रुपए की सब्सिडी बनती है। यह राशि दिसंबर से लेकर
अब तक की है। मामला सरकार के ध्यान में है। आगामी कैबिनेट की बैठक में इस
प्रस्ताव को लाया जा रहा है। बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा होगी। जल्द ही
कोई हल निकाला जाएगा। कोशिश रहेगी कि लोगों को कोई परेशानी न हो।