नई दिल्ली/मुंबई. प्रधानमंत्री
डा. मनमोहन सिंह ने कहा है कि कपास के निर्यात पर लगे प्रतिबंध की समीक्षा
की जाएगी। सरकार द्वारा कपास के निर्यात पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के
दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री ने यह आश्वासन महाराष्ट्र व गुजरात कांग्रेस के
प्रभारी मोहन प्रकाश के नेतृत्व में उनसे मिलने गए एक शिष्टमंडल को दिया।
शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सेनिया गांधी से भी
मुलाकात की और कपास निर्यात पर लगी रोक के बाद के दुष्प्रभावों से उन्हें
अवगत कराया। मोहन प्रकाश के साथ गुजरात व महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेताओं
की मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया
है कि प्रधानमंत्री ने प्रणब मुखर्जी के नेतृत्व वाले मंत्रीसमूह को 9
मार्च को इस निर्णय की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने गत 5 मार्च को कपास के निर्यात
पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दिया था। इस फैसले पर केंद्रीय कृषि मंत्री शरद
पवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना विरोध दर्ज कराया
है। मोदी ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि कपास निर्यात पर रोक का किसान
विरोधी फैसला राज्यों से परामर्श लिए बिना किया गया जो गलत है।
इस निर्णय से खफा शरद पवार ने भी कहा कि इतने बड़े फैसले को लेकर उन्हें
अंधेरे में रखा गया। हालांकि केंद्रीय वाणिज्य व कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा
ने यह कहते हुए निर्णय को सही ठहराया है कि देश में कपास के घटते उत्पादन
और बढ़ती घरेलू मांग के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। बावजूद इसके वह इस
संदर्भ में पवार से व्यक्तिगत रूप से मिलने वाले हैं। प्रधानमंत्री के
आश्वासन के बाद लगता है कि इस फैसले पर अब सरकार यू-टर्न लेगी।
पृथ्वीराज भी हरकत में
कपास निर्यात पर लगी पाबंदी के खिलाफ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी
के मोर्चा संभालने के बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण
भी हरकत में आ गए हैं। विषय की गंभीरता के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री
चव्हाण, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और प्रदेश के कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे
पाटील बुधवार रात को प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और केंद्रीय वित्त
मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिले।
बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के फौरन बाद रवाना शिष्टमंडल में सहकार व पणन
मंत्री हर्षवर्धन पाटील और सहकार राज्यमंत्री प्रकाश सोलंके शामिल हैं।
इससे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में कपास बंदी से राज्य के कपास उत्पादक
किसानों को होनेवाले नुकसान पर चिंता जताई गई। गृहमंत्री आर.आर. पाटील,
जलसंधारण मंत्री नितिन राऊत और खाद्य-आपूर्ति मंत्री अनिल देशमुख ने
निर्यात बंदी तत्काल हटाने के संदर्भ केंद्र से बातचीत करने की मांग की।
डा. मनमोहन सिंह ने कहा है कि कपास के निर्यात पर लगे प्रतिबंध की समीक्षा
की जाएगी। सरकार द्वारा कपास के निर्यात पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के
दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री ने यह आश्वासन महाराष्ट्र व गुजरात कांग्रेस के
प्रभारी मोहन प्रकाश के नेतृत्व में उनसे मिलने गए एक शिष्टमंडल को दिया।
शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सेनिया गांधी से भी
मुलाकात की और कपास निर्यात पर लगी रोक के बाद के दुष्प्रभावों से उन्हें
अवगत कराया। मोहन प्रकाश के साथ गुजरात व महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेताओं
की मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया
है कि प्रधानमंत्री ने प्रणब मुखर्जी के नेतृत्व वाले मंत्रीसमूह को 9
मार्च को इस निर्णय की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने गत 5 मार्च को कपास के निर्यात
पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दिया था। इस फैसले पर केंद्रीय कृषि मंत्री शरद
पवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना विरोध दर्ज कराया
है। मोदी ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि कपास निर्यात पर रोक का किसान
विरोधी फैसला राज्यों से परामर्श लिए बिना किया गया जो गलत है।
इस निर्णय से खफा शरद पवार ने भी कहा कि इतने बड़े फैसले को लेकर उन्हें
अंधेरे में रखा गया। हालांकि केंद्रीय वाणिज्य व कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा
ने यह कहते हुए निर्णय को सही ठहराया है कि देश में कपास के घटते उत्पादन
और बढ़ती घरेलू मांग के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। बावजूद इसके वह इस
संदर्भ में पवार से व्यक्तिगत रूप से मिलने वाले हैं। प्रधानमंत्री के
आश्वासन के बाद लगता है कि इस फैसले पर अब सरकार यू-टर्न लेगी।
पृथ्वीराज भी हरकत में
कपास निर्यात पर लगी पाबंदी के खिलाफ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी
के मोर्चा संभालने के बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण
भी हरकत में आ गए हैं। विषय की गंभीरता के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री
चव्हाण, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और प्रदेश के कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे
पाटील बुधवार रात को प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और केंद्रीय वित्त
मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिले।
बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के फौरन बाद रवाना शिष्टमंडल में सहकार व पणन
मंत्री हर्षवर्धन पाटील और सहकार राज्यमंत्री प्रकाश सोलंके शामिल हैं।
इससे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में कपास बंदी से राज्य के कपास उत्पादक
किसानों को होनेवाले नुकसान पर चिंता जताई गई। गृहमंत्री आर.आर. पाटील,
जलसंधारण मंत्री नितिन राऊत और खाद्य-आपूर्ति मंत्री अनिल देशमुख ने
निर्यात बंदी तत्काल हटाने के संदर्भ केंद्र से बातचीत करने की मांग की।